लोहरदगा: बढ़ती सड़क लूट की घटनाओं पर लगाम लगाते हुए लोहरदगा पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र इलाके में छापेमारी कर तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अपराधियों में लोहरदगा शहरी क्षेत्र के उर्सूलाइन बरवाटोली रोड के रहने वाले प्रेम प्रकाश रमन का 19 वर्षीय पुत्र शैलेश कुमार साहू, सदर थाना क्षेत्र के तिगरा लालपुर गांव निवासी शेलवाहन महली का 24 साल का पुत्र राजेंद्र महली और कैरो थाना क्षेत्र के नगजुआ गांव निवासी फिरोज अंसारी का 18 साल का पुत्र इमरोज अंसारी शामिल है। इन अपराधियों के पास से दो देसी कट्टा, तीन कारतूस, एक लैपटॉप, 2100 रुपये नकद, चार मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और अन्य सामान बरामद किया गया है। वहीं तीन अपराधी मौका पाकर भागने में कामयाब रहे। जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
गिरफ्तार अपराधियों और हथियार को मीडिया के सामने लाकर एसपी हारिस बिन जमां ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अपराधियों का एक गिरोह लूट की किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। जिसके बाद उन्होंने तत्काल लोहरदगा के सदर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक रत्नेश मोहन ठाकुर के नेतृत्व में पुलिस अवर निरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, संजय कुमार, सहायक अवर निरीक्षक चंद्रदीप मेहता, आईआरबी के जवान मनीष कुमार सिंह, ललन कुमार, अजय कुमार तिवारी, अमित कुमार तिवारी, देवेंद्र कुमार, धर्मेंद्र राम, देवेंद्र राम, चालक आरक्षी सत्य किशोर कुमार की टीम गठित कर छापेमारी का निर्देश दिया। पुलिस ने लोहरदगा सदर थाना क्षेत्र के जुरिया गांव स्थित डीएवी स्कूल रोड में सीतामनी एक्का के घर में छापेमारी की। जहां पर किराए के मकान में रह रहे शैलेश कुमार साहू, राजेंद्र महली और इमरोज अंसारी को गिरफ्तार कर तलाशी लेने पर दो लोडेड देशी कट्टा, चार मोबाइल, एक लैपटॉप, एक मोटरसाइकिल और अन्य सामान बरामद हुआ।
पूछताछ में अपराधियों ने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया कि विगत सात दिसंबर 2024 की रात सदर थाना क्षेत्र के हिरही के समीप इन्होंने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावे सेन्हा थाना क्षेत्र के बदला गांव के समीप भी विगत 13 दिसंबर की रात लूटपाट की थी। अपराधियों का यह गिरोह डकैती की योजना बना रहा था। इसके पहले तीन अपराधी पकड़ा गया जबकि तीन फरार होने में कामयाब रहा। गिरफ्तार सभी अपराधी पहले भी जेल जा चुके हैं। लोहरदगा पुलिस ने सदर थाना कांड संख्या 233/24 में बीएनएस और शस्त्र अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला पंजीकृत कर अपराधियों को जेल भेज दिया।