कोडरमा: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और जेएमएम की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ने तिसरी में भाकपा माले उम्मीदवार विनोद सिंह ने समर्थन में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कोडरमा में अभ्रक खनन और तिलैया डैम के पानी का मामला उठाया और उसके समाधान की बात भी कही।
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कल्पना सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बदलने की सोच रखने वाली तानशाही ताकतों के खिलाफ इस बार जनता चुनाव लड़ रही है। कमर की पेटी बांध कर जनता तैयार है तानशाही ताकतों को सबक सिखाने के लिए। आपने देखा होगा कल झारखण्ड में हुए चार सीटों के चुनाव में जनता ने तानशाही ताकतों को वोट की चोट देकर अपना आक्रोश दर्ज कराया है।
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से जो आपके उम्मीदवार हैं वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सामाजिक जीवन में सुचिता की मिशाल, कर्मठ, बेबाक रूप से अपनी बात, अपने लोगों की बात, मुद्दों की बात, झारखण्डी हित की बात करने वाले व्यक्ति हैं विनोद सिंह जी।
कोरोना संकट के बीच हेमन्त जी ने जिस ढंग से अपने मजदूर साथियों के लिए जी जान लगा दिया था। देश के कोने-कोने में फंसे, राज्य के लोगों तक मदद पहुंचाने का जो उन्होंने काम किया था, वह माटी का सच्चा बेटा ही कर सकता है।तिसरी, सतगांवा, जयनगर, आदि इलाके में एक बड़ी आबादी अभ्रक खनन से जीवन यापन करती है। लेकिन कोई वैध खदान नहीं होने के कारण लोगों को बिचौलिए का सहारा लेकर काम करना पड़ता है। खदान धंसने जैसी भी खबर हमारे सामने आते रहती हैं। आपने पूर्व में कोडरमा से जिन जनप्रतिनिधि को जिताया था उन्होंने आपके मुद्दों पर कभी काम नहीं किया।हेमन्त जी ने इस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया था। सही तरीके से अभ्रक खनन प्रारंभ करवाने के लिए फेडरेशन बनाया था। आज अभ्रक उद्योग से जुड़े लोग भी कह रहे हैं कि हेमन्त जी ही इस समस्या का स्थाई निदान दे सकते हैं।
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आने वाले दिनों में दिल्ली की संसद में झारखण्ड की बात करने वाला प्रतिनिधि आपको भेजना होगा। ऐसे लोग नहीं जो वहां जाकर झारखण्ड एवं यहां के मुद्दों को भूल जाते हैं। यहां के मुद्दों पर मौन धारण कर लेते हैं। झारखण्ड को हर जगह लड़ कर अपना अधिकार, अपना हिस्सा लेना पड़ता है। कोयलांचल का कोयला हो या, तिलैया का पानी हो या दामोदर-बराकर का पानी, हमारे हर संसाधन पर भाजपा गिद्ध दृष्टि जमाए हुए है। ये कहते हैं कि तिलैया के पानी की झारखण्ड को कोई जरूरत नहीं है, इसलिए वहां सिंचाई व्यवस्था नहीं बन पायी है। मैं पूछती हूं कि यह व्यवस्था नहीं बन पाई, यह किसकी गलती है, पूर्व की सरकारों की या लोगों की ? हेमन्त जी की अगुआई वाली सरकार ने राज्य में हजारों करोड़ की लागत से कई मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का खाका तैयार किया है। 5 में तो काम भी प्रारंभ हो गया है। आपके गिरिडीह जिले के पीरटांड़ में भी एक परियोजना शुरू हो रही है। हम तिलैया डैम का पानी कोडरमा, बरकट्ठा, राजधनवार, जमुआ – सभी इलाकों में ले जाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जैसे मसानजोर डैम का पानी मसलिया तक जा रहा है, सोन का पानी रंका तक जा रहा है, बराकर का पानी पूरे पीरटांड़ में ले जाने पर काम हो रहा है।