साहिबगंज : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने राजमहल के उधवा में अपने दूसरे राजनीतिक संबोधन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की। गर्मी के बीच हजारों की संख्या में कार्यकर्ता कल्पना सोरेन को सुनने आये थे। जेएमएम के इस कार्यक्रम के दौरान आजसू पार्टी के पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए। इस मिलन समारोह के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर और हफीजुल अंसारी भी मौजूद थे।
कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन को जेल भेजने को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा कि आने वाले चुनाव में और सभी चुनावों में इनको धुल चटानी है। तेज धूप के बीच कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि जैसे प्लेन में सीट बेल्ट बांधते है वैसे ही हमें चुनाव को लेकर अपनी कमर कस लेनी है। कल्पना ने अपने अंदाज में कार्यकर्ताओं से कहा कि कर लीजिये बेल्ट टाइट, हमें करनी है सबकी हवा टाइट।
हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने से नाराज कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच कल्पना सोरेन ने कहा कि आप सब लोगों के दादा अभी जेल में है किस वजह से है ये अभी मै नहीं बोलूंगी, ये आप लोगों को पता है। जिस तरह से इन लोगों की भावना आदिवासी, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक को लेकर है वो घृणा की भावना है, इनके अंदर घृणा बहतीइ है , खून तो बहता नहीं होगा। हमें आवाज उठानी है ताकि यहां की बात दिल्ली तक पहुंचे। इन्हे थोड़ा भी पसंद नहीं आता है कि कोई जंगली वाले लोग जंगल में रहे तो इनको पसंद आता है, मिट्टी के घर में रहने वाले लोग मिट्टी में सने रहे तो इनको पसंद आता है, दादा ने विधानसभा में कहा था कि ये आदिवासी को जंगल में ही देखना चाहते है, इनको पसंद नहीं है कि ये उनके बीच आकर रहे। हमें अपनी आवाज को बुलंद करनी है और उनको उखाड़ फेंकना है।
कल्पना से आजसू पार्टी के पूर्व उम्मीदवार ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा को जेएमएम की सदस्यता दिलाई। ताजुद्दीन को राजमहल इलाके का एक मजबूत नेता माना जाता है। उनके पार्टी में शामिल होने से राजमहल लोकसभा सीट पर जेएमएम की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। ताजुद्दीन भले ही पिछला दो विधानसभा चुनाव हार गए हो लेकिन अपने दम पर बाजी पलटने की हैसियत ताजुद्दीन की मानी जाती है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बहुत कम अंतर से वो बीजपी उम्मीदवार अनंत ओझा से हार गए थे। उस समय वो जेएमएम के उम्मीदवार थे। लेकिन 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनकी जगह केतबुद्दीन शेख को उम्मीदवार बनाया जो की महज 24619 वोट पर सिमट गए। 2019 में ताजुद्दीन आजसू पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े और बीजेपी के अनंत ओझा से एक बार फिर हार गए। हालांकि उन्हे 76532 वोट मिले थे। माना जाता है कि 50 हजार वोटों की ताकत ताजुद्दीन अपने क्षेत्र में रखते है। उनके जेएमएम में वापसी करने से राजमहल विधानसभा क्षेत्र के साथ साथ लोकसभा क्षेत्र में भी समीकरण बदल गए है।