रांची: जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में सीआईडी ने दो केस दर्ज किये है। पहला केस रांची पुलिस से टेकओवर करने के बाद दर्ज किया गया है, जो रातू थाने में दर्ज किया गया था। दूसरा केस झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
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वहीं इस मामले के अनुसंधान के लिए डीजीपी सह सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी की जिम्मेदारी सीआईडी की डीआइजी संख्या रानी मेहता को बनाया गया है जबकि सदस्य के रूप में सीआइडी की एसपी निधि द्विवेदी, ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल, डीएसपी मुख्यालय-01 अमर कुमार पांडेय और सीआइडी के डीएसपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता को शामिल किया गया है। एसआइटी ने केस से जुड़े सभी बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू कर दिया है। डीजीपी ने परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से अपील की है कि अगर किसी के पास केस से जुड़ा कोई साक्ष्य है तो वह इसकी जानकारी सीआइडी को दे। सीआइडी इस केस की निष्पक्ष अनुसंधान सुनिश्चित करेगी। मामले की जांच के लिए सीआईडी विज्ञापन छपवाकर सबूत भी इकट्ठा करेगी।
क्या है FIR में
JSSC के द्वारा CID में दर्ज FIR में बताया गया है कि 21 और 22 सितंबर को CGL की परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा पूरी तरह कदाचार और पेपर लीक से मुक्त थी, लेकिन परीक्षा आयोजित होने के बाद कई लोगों ने जानबूझ कर फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल की। इससे पूर्व रातू थाने में भी एक FIR दर्ज हुई थी। झारखंड CID अब दोनों ही FIR की जांच SIT के जरिए कराएगी। रातू थाने में CGL परीक्षा में कथित पेपरलीक को लेकर पहली FIR राजेश कुमार के बयान पर दर्ज की गई थी। इस केस के अनुसंधानकर्ता अमर कुमार पांडेय बनाए गए थे। उन्हें भी CIDकी SIT में शामिल किया गया है।