साहिबगंज: झारखंड मुक्ति मोर्चा में बगावत कर चुनाव लड़ने वालों की संख्या बढती जा रही है। मंगलवार को बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने राजमहल सीट के लिए अपना नामांकन भरा। इससे पहले लोहरदगा सीट से बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा, खूंटी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बसंत लौंगा और कोडरमा सीट से पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे है।
जेएमएम के अन्य तीन बागी नेताओं और लोबिन हेम्ब्रम के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने में अंतर ये है कि लोबिन ने अपने ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ नामांकन किया है जबकि चमरा लिंडा और बसंत लौंगा कांग्रेस उम्मीदवार और जयप्रकाश वर्मा माले उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव मैदान में है।
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लोबिन ने कहा -मैनेज नहीं होंगे
लोबिन हेम्ब्रम ने लगातार राजमहल सांसद विजय हांसदा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। उन्होने कहा था कि जेएमएम को राजमहल में चेहरा बदलना चाहिए लेकिन उनकी मांग दरकिनार कर दी गई। उन्होने कहा कि जेएमएम उन्हे पार्टी से निकाल सकती है, माटी से नहीं, शिबू सोरेन के दिल से नहीं निकाल सकती , वो शिबू सोरेन के असली चेले है और राजमहल सीट जीतकर उन्हे देंगे। लोबिन ने आगे कहा कि वो मैनेज होने वाले नहीं है, वो ठेकेदार नहीं है।
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लोबिन रोकेंगे विजय रथ
लोबिन हेम्ब्रम के चुनाव मैदान में आने से जेएमएम के उम्मीदवार विजय हांसदा की मुश्किलें बढ़ सकती है। विजय हांसदा पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां से विजय होते रहे है। 2019 के चुनाव में विजय हांसदा को कुल 5 लाख 7 हजार वोट मिले थे जबकि बीजेपी से उम्मीदवार रहे हेमलाल मुर्मू को 4 लाख 8 हजार वोट मिला था। 2014 में भी विजय हांसदा ने हेमलाल को हराया था, उस चुनाव में विजय हांसदा को 3 लाख 79 हजार वोट मिले थे और हेमलाल को 3 लाख 38 हजार वोट मिला था। अब हेमलाल जेएमएम में शामिल हो चुके है और बीजेपी ने उनकी जगह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में लोबिन के चुनाव मैदान में उतरने से जेएमएम के वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है।