रांचीः देश के सबसे बड़े मजदूर नेता और अलग झारखंड राज्य के सबसे बड़े पैरोकार और आंदोलनकारियों में एक कॉमरेड ए के रॉय की पुण्यतिथि के दिन उन्हें किसी ने नहीं याद किया । याद किया तो सिर्फ राजनीति के नए खिलाड़ी जयराम महतो ने । जयराम महतो ने धनबाद के बलियापुर में एक के रॉय की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि दी ।
जयराम महतो ने दी ए के रॉय को श्रद्धांजलि
JBKSS के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि
राजनीति के संत कॉमरेड ए.के राय के 5वें पुण्यतिथि पर नमन, बलियापुर के (आमटाल) पहुंचकर श्रद्धांजलि दिया. इनके अधूरे सपनों को पूरा करना हम सभी का फर्ज है.
त्याग और संघर्ष के मिसाल थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन मजदूर, किसान और वंचितों को समर्पित कर दिया था, ऐसा नेता कोई नहीं…
पेंशन तक दान कर देते थे ए के रॉय
21 जुलाई को कॉमरेड ए के रॉय की 5वी पुण्यतिथि थी । धनबाद लोकसभा से तीन बार के सांसद जिन्होंने 1977,1980 और 1989 में चुनाव जीत कर वामपंथी राजनीति को मजबूत किया उन्हें किसी ने श्रद्धांजलि नहीं दी । कॉ़मरेड ए के रॉय कितनी बड़ी शख्सियत थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आजीवन संसद से मिलने वाली पेंशन को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान किया । एक बार उनके घर पर चोरी हुई तो एचएमटी की घड़ी चोर ले गए । ए के रॉय ने एफआईआर नहीं कि और कहा कि शायद चोर को उसकी ज्यादा जरुरत होगी। झारखंड के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ए के रॉय को उनके शागिर्दों ने भुला दिया ।
जेएमएम को दिया था अपना चुनाव चिन्ह
कहते है मार्क्सवादी समन्यव समिति बनाने के बाद जब जेएमएम का गठन हुआ और चुनाव चिन्ह की बारी आई तो एके रॉय ने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी गुरुजी शिबू सोरेन और विनोद बिहारी महतो की पार्टी को दे दिया था । जेएमएम के भी सोशल मीडिया पर उनके लिए श्रद्धांजलि वाला पोस्ट नहीं दिखा।