झारखंड सरकार कोल्हान के कई खनिजों की खदानों की नीलामी के लिए तैयार है। खनिज खदानों की नीलामी से सरकार को लगभग पांच हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। इस पैसे से सरकार कल्याणकारी योजनाओं में तेजी आएगी। इन खदानों में आयरन और सोने समेत अन्य अयस्कों की खदाने शामिल होंगी।
झारखंड एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड को खनिजों का पता लगाने और खनन गतिविधि को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो लौह अयस्क, तांबा, बॉक्साइट, सोना सहित अन्य खनिजों का पता लगाएगी।
डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के लिए नई आर्कजीआईएस सॉफ्टवेयर पैकेज खरीदा जाएगा। इसके माध्यम से भू-वैज्ञानिक मैपिंग के साथ अन्वेषण रिपोर्ट और खनन योजनाएं तैयार की जाएंगी।
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झारखंड के लगभग डेढ़ दर्जन खदानों की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसमें 11 आयरन ओर की खदानें सहित पांच सोने की खदानें शामिल हैं।
जिन सोने की खदानों की नीलामी होगी, उनमें पूर्वी सिंहभूम की भीतरडीरी और जोजोडीह खदान, सरायकेला-खरसांवा की हेबन सेमा, बीतापुर-सोकानडीह और काशीडीह सोने की खदानें शामिल हैं। वहीं, चाईबासा की 11 आयरन ओर की खदानें नीलामी के लिए तैयार हैं।
पन्ना की नीलामी फिर स्थगित पूर्वी सिंहभूम में फिर से पन्ना की नीलामी की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। पन्ना नीलामी की प्रक्रिया तीन साल से चल रही हैं, लेकिन स्टॉक का आकलन नहीं होने के कारण नीलामी में कारोबारी रूचि नहीं ले पा रहे हैं। हालांकि, खनन विभाग के अधिकारियों की माने तो पन्ना की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।