रांचीः डोरंडा-सिरमटोली फ्लाइओवर के रैंप निर्माण को लेकर आदिवासी बचाओ मोर्चा की ओर से 4 जून को झारखंड बंद का एलान किया गया है। झारखंड बंद से ठीक एक दिन पहले 3 जून की शाम को रांची में मशाल जुलूस निकाला गया। कई आदिवासी संगठनों ने धार्मिक स्थलों की रक्षा को लेकर बुलाये गए बंद को अपना समर्थन दिया है।
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रांची के जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया जिसमें महिलाओं, बुजूर्ग और युवाओं ने भाग लिया। रांची के अलावा राज्य के कई जिलों में मशाल जुलूस निकाला गया। बंद का मुख्य उद्देश्य झारखंड में स्थित कई पारंपरिक और पवित्र आदिवासी स्थलों को बचाना है, जो विकास कार्यों या सरकारी परियोजनाओं के कारण खतरे में बताए जा रहे हैं। इनमें मरांग बुरू (दुमका), पारसनाथ हिल्स (गिरिडीह), लुगु बुरू (बोकारो), मुधर हिल्स (पिठोरिया), दिउरी दिरी (तमाड़) और बेड़ो महदानी सरना स्थल प्रमुख हैं।
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इन स्थलों को आदिवासी समुदाय न सिर्फ धार्मिक रूप से पूज्य मानता है, बल्कि इन्हें उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का केंद्र भी माना जाता है। आदिवासी संगठनों का कहना है कि सरकार द्वारा इन स्थलों पर विकास के नाम पर जो गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, वे सीधे तौर पर उनकी धार्मिक भावनाओं और परंपराओं पर आघात कर रही हैं।