डेस्कः हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही थी, लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद तस्वीर बदल गई है। सुबह 10 बजे चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। अब हरियाणा में बीजेपी 43 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 34 सीटों पर।
बीजेपी मार लेगी बाजी ?
रुझानों में हो रहे इस बदलाव से हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक बड़ा उलटफेर सामने आ सकता है। वोटों की गिनती के दौरान अब बीजेपी ने बढ़त बनानी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, बीजेपी 43 से अधिक सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस 34 सीटों पर। यदि रुझान कुछ समय और ऐसे ही बने रहते हैं, तो हरियाणा चुनाव के परिणामों में बड़ा परिवर्तन हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों की स्थिति इस प्रकार है:
- JKN (जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस): 39 सीटों पर आगे
- BJP (भारतीय जनता पार्टी): 26 सीटों पर आगे
- INC (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस): 7 सीटों पर आगे
- JKPDP (जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी): 3 सीटों पर आगे
- JPC (जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस): 2 सीटों पर आगे
- IND (निर्दलीय): 9 सीटों पर आगे
दोनों ही राज्यों में 90-90 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले गए थे जहां 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ। हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी जहां इस बार 67 प्रतिशत मतदान हुआ।
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जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद हुए चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने एक साथ चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने 32 और एनसी 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, सीपीएम और पैंथर्स पार्टी को एक-एक सीट गठबंधन में दी गई जबकि 6 सीटों पर फ्रेंडली फाइट हुई। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और बीजेपी ने अकेले अकेले चुनाव लड़ा। हरियाणा और जम्मू कश्मीर को लेकर जो एग्जिट पोल दिखाएं गए उसके अनुसार हरियाणा में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। वही जम्मू कश्मीर में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी और कांग्रेस-एनसी-गठबंधन सरकार बनाते नजर आ रही है।
जम्मू-कश्मीर में बड़े नाम जो चुनाव मैदान में है
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दो सीटों से चुनाव लड़ रहे है। वो बड़गाम और गांदरबल से चुनाव मैदान में है। लोकसभा चुनाव में उमर को इंजीनियर राशिद के हाथों बारामूला सीट पर करारी शिकस्त मिली थी, इसके बाद उन्होने सावधानी बरतते हुए दो सीटों पर चुनाव लड़ा है। गांदरबल सीट पर उनका मुकाबला इंजीनियर राशिद की पार्टी के उम्मीदवार इश्फाक अहमद शेख, अलगाववादी नेता सर्जन बरकाती और पीडीपी के बशीर अहमद मीर से है, जहां कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। वही बड़गाम सीट पर उनका मुकाबला पीडीपी के सईद मुंतजीर मेहदी से है।
जम्मू कश्मीर की दूसरी महत्वपूर्ण सीट अनंतनाग जिले का श्रीगुफवारा-बिजबेहारा है जहां पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती है जिनका मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के बशीर वीरी से है। पीडीपी के लिए ये चुनाव और सीट अस्तित्व की लड़ाई है।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना राजौली जिले के नौशेर सीट से चुनाव लड़ रहे है। वहां उनका मुकाबला एनसी के सुरिंदर कुमार चौधरी और पीडीपी के हक नवाब से है। रैना ने चुनाव लड़ते समय जो हलफनामा दिया है उसके अनुसार उनके पास महज एक हजार रुपये है। जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारीक हमीद कर्रा श्रीनगर के सेंट्रल शालटेंग सीट से चुनाव लड़ रहे है। कर्रा पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे है लेकिन बाद में उन्होने पीडीपी छोड़ दी। कर्रा चुनाव में श्रीनगर सीट पर एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को हरा चुके है। इस बार कर्रा का मुकाबला पीडीपी के अब्दूल कयूम भट्ट से है। पीपल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन कुपवाड़ा और हंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे है। कुपवाड़ा के लांगेट सीट से बारामूला सांसद इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद श्ेाख चुनाव मैदान में है। पिछले तीन दशक से कुलगाम सीट पर सीपीएम का झंडा गाड़ने वाले एमवाई तारिगामी का मुकाबला इस बार चुनाव प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी के निर्दलीय उम्मीदवार सयर अहमद रेशी से है, जहां मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले सर्जन बरकाती जेल में बंद होकर दो सीटों से चुनाव लड़ रहे है, गांदरबल सीट पर वो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव मैदान में है तो गढ़ वीरवाह में एनसी के शफी वानी से उनका मुकाबला है।
हरियाणा में वो बड़े नाम जो चुनाव मैदान में है
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव लड़ रहे है। इस सीट पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है। हुड्डा दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके है और इस बार अगर कांग्रेस की जीत होती है तो हुड्डा को सीएम पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
पेरिस ओलंपिक में रेसलिंग की फाइनल खेलने से चूक गई विनेश फोगाट जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही है, जुलाना विनेश का सुसराल है और वहां उनका मुकाबला बीजेपी के योगेश बैरागी से है जो पायलट रह चुके है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे है जहां कांग्रेस के विधायक मेवा सिंह से उनका मुकाबला है। हरियाणा बीजेपी के पंजाबी चेहरा अनिल विज ने अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ा है उनका निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा से कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। सिरसा के ऐलानाबाद से इंडियन नेशनल लोकदल के अभय सिंह चौटाला को कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल टक्कर दे रहे है। जेजेपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उचाना सीट से चुनाव मैदान में थे। भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक निवास हुड्डा बीजेपी के टिकट से महम सीट से उम्मीदवार थे उनका मुकाबला पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी से है। देश की सबसे अमीर महिला उम्मीदवार सावित्री जिंदल हिसार सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में है वो कुरूक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां है। सावित्री हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुकी है। सावित्री ने बीजेपी से टिकट मांगा था लेकिन वहां बीजेपी ने आरएसएस से जुड़े कमल गुप्ता को उम्मीदवार बनाया। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव महेंद्रगढ़ की अटली सीट से चुनाव मैदान में थी वो शूटिंग में वर्ल्ड कप फाइनल में हिस्सा ले चुकी है और चार बार एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीत चुकी है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से चुनाव लड़ा है, 2019 में कांग्रेस ने उन्हे पहली बार टिकट दिया था और उन्होने जीत दर्ज की थी। चार राज्यों के राज्यपाल रह चुके एआर किदवई की पोती राबिया किदवई ने नूंह सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा है। पंचकुला सीट पर पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा है, 2019 में भी कांग्रेस ने उन्हे उम्मीदवार बनाया था लेकिन वो बीजेपी के ज्ञानचंद गुप्ता से हार गए थे। तोशाम सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का परिवार आमने सामने है। कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरूद्ध चौधरी को टिकट दिया है तो बीजेपी ने बंसीलाल की पोती और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सीट बंसीलाल परिवार का गढ़ रहा है, इस सीट पर 15 बार चुनाव हुए है जिनमें से 11 बार बंसीलाल परिवार का ही कोई शख्स चुनाव जीता है।