इजरायल ने शनिवार की सुबह ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को हुए एक बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में की गई है। अधिकारियों के अनुसार, ईरान में हुए नुकसान की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। इजरायली सेना ने इस ऑपरेशन को “ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमला” बताया है। हालांकि उन्होंने आगे की कोई जानकारी नहीं दी।
इजरायली सेना के बयान में कहा गया, “ईरान का शासन और उसके प्रॉक्सी क्षेत्र में 7 अक्टूबर से सात मोर्चों पर इजरायल पर निरंतर हमले कर रहे हैं। इसमें ईरानी भूमि से सीधे हमले भी शामिल हैं। दुनिया के अन्य सभी संप्रभु देशों की तरह, इजरायल को प्रतिक्रिया देने का अधिकार है। यह हमारा कर्तव्य भी है।”
IDF के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल की रक्षा और आक्रमण क्षमताएं पूरी तरह से सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, “हम इजरायल और उसके लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेंगे।”
इससे पहले ईरान के नेताओं ने अपने सशस्त्र बलों को संभावित इजरायली हमले की स्थिति में युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। अधिकारियों ने कहा कि जवाबी कार्रवाई की सीमा काफी हद तक उन हमलों की गंभीरता और पैमाने पर निर्भर करेगी। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने चार अज्ञात ईरानी अधिकारियों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी थी।
अखबार ने गुरुवार को बताया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सेना को संभावित इजरायली हमले का जवाब देने के लिए कई योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया है। ईरानी अधिकारियों ने कहा कि अगर इजरायली हमलों में बड़े पैमाने पर विनाश होता है तो ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा। खामेनेई ने कथित तौर पर कहा कि अगर इज़राइल ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे या उच्च-रैंकिंग अधिकारियों को निशाना बनाया तो ईरान की प्रतिक्रिया अपरिहार्य होगी।
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संभावित जवाबी कार्रवाई में एक हजार मिसाइलों को लॉन्च करना, ईरान समर्थक समूहों द्वारा क्षेत्रीय हमलों को बढ़ावा देना और फारस की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करना शामिल हो सकता है।
ईरान ने एक अक्टूबर को इतिहास में दूसरी बार इजरायल पर बड़ा मिसाइल हमला किया, इसे आत्मरक्षा की कार्रवाई बताया। इज़रायली सेना के अनुसार, लगभग 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से अधिकांश को रोक दिया गया। इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, गोलाबारी से देश के नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
ईरानियों ने दावा किया कि मिसाइलों ने इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जबकि इजरायलियों ने क्षति को न्यूनतम बताया। यहूदी राज्य ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है।