रांची.. विधायकों के साथ हेमंत सोरेन की बैठक में क्या हुआ था, क्या हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी का नाम प्रस्तावित किया था औऱ क्या किसी ने इसका विरोध किया । इस सवाल का जवाब इसलिए अहम है क्योंकि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम देश भर की मीडिया ने संभावित सीएम के नाम पर खूब प्रचारित किया । यहां तक की बीजेपी जो कि मुख्य विरोधी दल है उनके नेताओं ने भी राबड़ी देवी के सीएम बनने की घटना से तुलना कर दी थी । मगर हुआ उल्टा । सीएम हेमंत सोरेन की रणनीति के आगे ईडी फेल हो गई तो दूसरों की क्या बिसात । इस मीटिंग के अंदर मौजूद रहे सीपीआईएमल के विधायक विनोद सिंह ने पूरी इनसाइड स्टोरी बताई है ।
उन्होंने बताया कि हेमंत सोरेन के साथ कल्पना सोरेन की पहली तस्वीर जो आई थी वो किसी मीटिंग की नहीं थी बल्कि दिल्ली से लौटने के बाद अपने और सहयोगी विधायकों के साथ सामान्य मुलाकात थी । इसी तस्वीर के सहारे हेमंत विरोधियों ने ये प्रोपगेंडा फैला दिया की कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बन सकती है । बगोदर से सीपीआईएमल विधायक ने आगे बताया कि इधर हेमंत सोरेन ने जब 31 जनवरी को विधायकों के साथ बैठक की तो उस वक्त कल्पना सोरेन मौजूद ही नहीं थी और ना् ही उनके नाम की चर्चा हुई । सिर्फ चंपई सोरेन का नाम सामने आया और सभी विधायकों ने इस पर सहमति दे दी ।
विनोद सिंह की माने तो हेमंत सोरेन ने मैच्योर नेता की तरह इस पूरे पु्करण को हैंडिल किया । उन्होंने अपने विरोधियों की हर चाल को मात दे दी । चाहे वो कल्पना सोरेन का नाम हो या फिरृ दिल्ली में ईडी द्वारा गिरफ्तार होने से बच कर रांची पहुंचने का । विनोद सिंह ने लाइव दैनिक से खास बातचीत में बताया कि जिस मामले को लेकर हेमंत सोरेन पर ईडी ने मामला दर्ज किया है उसमें हेमंत का नाम ही नहीं होना चाहिए ।