डेस्कः एक अध्ययन में यह चौकाने वाली बात सामने आयी है कि भारत के लोग फेक न्यूज यानी झूठी खबरों पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। यह अध्ययन फ्रांस की रिसर्च कंपनी इपसॉस ग्रुप ने किया, जिसमें भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के कुल 8000 लोगों ने हिस्सा लिया। अध्ययन में लोगों को कुछ असली और कुछ झूठी खबरों की हेडलाइन दिखायी गयी। असली खबरें भरोसेमंद अखबारों से ली गयी थीं व फेक खबरें फैक्ट-चेकिंग साइट्स से। ये सभी हेडलाइन ऐसे बनायी गयी थीं, जैसे सोशल मीडिया पर पोस्ट होती हैं। बिना किसी नाम, लाइक या कमेंट के इसका मकसद था देखना कि लोग सिर्फ हेडलाइन पढ़ कर उसे सही या गलत पहचान पाते हैं या नहीं।
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बिना सोचे-समझे खबरें सच मान लेते हैं भारत के लोग
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय लोग अक्सर खबर को बिना सोचे-समझे सच मान लेते हैं, अमेरिका और ब्रिटेन के लोग खबर की सच्चाई को पहचानने में ज्यादा सतर्क पाये गये। रिपोर्ट में कहा गया कि सोशल मीडिया पर भावनाओं से जुड़ी खबरें, चाहे वो अच्छी हो या बुरी, भारत में ज्यादा असर करती हैं। लोग ऐसी खबरों पर जल्दी विश्वास कर लेते हैं। यही वजह है कि भारत के लोग भावनात्मक झूठी खबरों से ज्यादा प्रभावित होते है, हालांकि, जब भारतीयों को असली खबरें दिखायी गयी, जो उन्होने उन्हे सही पहचाना। इसका मतलब है कि लोगों में सच्चाई को पहचानने की क्षमता है, लेकिन भावनाओं के कारण वे गुमराह हो जाते हैं।
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खुश करने वाली खबरों पर लोग करते हैं कम सवाल
इपसॉस इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर विवेक गुप्ता ने कहा कि खुश करने वाली खबरों पर लोग कम सवाल करते हैं, जबकि दुख देने वाली खबरों पर थोड़ सवाल उठते हैं। उदाहरण के तौर पर, भारत प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहले नंबर पर जैसी झूठी लेकिन अच्छी लगने वाली खबर लोग आसानी से सच मान लेते हैं। वहीं, सरकार सभी स्ट्रीट वेंडर्स पर बैन लगाने जा रही है जैसे नकारात्मक खबर पर भी लोग बिना जांच के विश्वास कर लेते हैं। विवके गुप्ता ने बताया कि नकारात्मक खबरों पर सबसे ज्यादा सवाल ब्रिटेन में उठते हैं, जबकि अमेरिका में लोग ऐसी खबरों पर थोड़ा जल्दी विश्वास कर लेते हैं।