डेस्कः आजकल लालू यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का प्रेम प्रसंग सुर्खियां बटोर रहा है। राजनीतिक हलके से लेकर हर कोई इस बारे में चर्चा कर रहा है। लालू प्रसाद यादव ने सख्ती दिखाते हुए अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर कर दिया है। यह मामला राजनीतिक हो सकता है, क्योंकि जल्द ही बिहार में चुनाव होने वाले हैं। कहावत भी है कि प्यार करना आसान नहीं होता है। सिर्फ तेज प्रताप ही नहीं, कई लोगों को इसका सामना करना पड़ा है।
प्रेम प्रसंग में पहले भी बिहार के कई राजनेताओं का राजनीतिक कॅरियर बर्बाद हो चुका है। हालांकि, इसके कई उदाहरण बने राजनेताओं की पार्टी और परिवार ने उन्हें किनारे कर मामले को चर्चा का विषय नहीं बनने दिया। इसी तरह का एक मामला बिहार के रोहतास निवासी कांग्रेस के एक राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज और दल बदल कर जनता पार्टी की सरकार में दूसरे नंबर पर रहे नेता के पुत्र के साथ हुआ था। वे मोहनियां से विधायक भी बने थे पर प्रेम प्रसंग की एक घटना ने उनके राजनीतिक जीवन को प्रभावित कर दिया।
विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ उस राजनेता की आपत्तिजनक स्थिति की तस्वीर एक पत्रिका में छपी थी। इसके बाद वे फिर कभी विधायक नहीं बन सके। बताया जाता है कि उनके पिता ने इस प्रकरण के बाद उन्हें घर से निकाल दिया था। बिहार का एक और चर्चित कांड 1983 का है, जिसे बॉबी हत्याकांड से जाना जाता है। इस घटना में भी तब के एक बड़ी राजनीतिक हस्ती के पुत्र का नाम आया था। इस घटना ने भी उस उभरते कांग्रेस नेता के राजनीतिक जीवन की संभावनाओं को खत्म कर दिया था।
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इस बहुचर्चित कांड में महिला का शव कब्र से निकाल कर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था। बाद में इस कांड की सीबीआई ने भी जांच की थी। इसी तरह अस्सी के दशक में कांग्रेस से विधायक रहीं एक महिला राजनेता के पुत्र का एक आदिवासी प्रशासक की पत्नी से प्रेम प्रसंग भी खूब चर्चा में रहा था। पुत्र के प्रेम का खामियाजा महिला राजनेत्री को उठाना पड़ा। जल्द ही वे राजनीति से किनारे हो गईं। एक समय बिहार की राजनीति में दो भाइयों की जोड़ी भी अपने प्रेम और पसंदों की वजह से खूब चर्चा में रही थी।
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