रांचीः झारखंड में नदियों का इको सिस्टम बिगड़ता जा रहा है। यह स्थिति बेतरतीब तरीके नदियों से बालू निकालने के कारण उत्पन्न हो गई है। ऐसे ही बेतरतीब तरीके से अवैध उत्खनन पुलों पर संकट आ गया है। गोड्डा और गिरिडीह जिले इसके उदाहरण है कि कैसे प्रशासन की आंख के नीचे अवैध खनन चल रहा है और पुलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
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गोड्डा के सुंदर और गेरूवा नदी से अवैध तरीके से बालू निकाला जा रहा है। इस कारण चार पुलों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। सुदंर नदी व गेरूआ नदी से चार जगहों पर अवैध तरीके से बालू का उत्खनन किया जा रहा है। इसमें विश्वासखानी घाट गोरगामा पुल के नीचे, नरोत्तम घाट, खुर्दमारिया, कलादुमारिया व संग्रामपुर शामिल है। बताया जा है कि उक्त स्थानों के लिए किसी एक व्यक्ति को खनन पट्टा जारी नहीं किया गया है और न ही प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालन की सहमति ली गयी है। इसके बावजूद नदियों से बालू का अवैध उत्खनन लगातार जारी है। इस कारण नदियों के इको सिस्टम व पुलों पर संकट पैदा हो गया है। उक्त दोनों नदियों पर बने पुल पहले से ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। अवैध खनन व बालू उत्खनन के कारण पुलों के ढहने की आशंका अधिक हो गयी है। नरोत्तमपुर गोड्डा के महगामा प्रखंड में स्थित गांव है। सुंदर नदी व गेरूवा नदी के बीच कई गांव बसे हुए है। ये गांव एक द्वीप की तरह है। जो दो नदियों से घिरे हुए है। यहां चार पुल है, जिसके माण्ध्यम से ग्रामीण नदी पार करते है।
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गोड्डा की तरह गिरिडीह में भी बालू खनन जोरो पर है, न कोई रोकने वाला है न कोई टोकने वाला है। बालू तस्कर जब जहां चाहे बालू के अवैध खनन में जुट जाते है। नदियों को खोखला करने के बाद अब बालू तस्कर रेल पुल के पिलर को खोखला कर रहे है। वो भी गिरिडीह शहरी इलाके के बनखंजो स्थित उसरी नदी में। इसी नदी पर पुल है जिससे होकर गिरिडीह-कोडरमा रेल लाइन गुजरती है। हर दिन इसी पुल से मधुपुर-कोरडरमा पैसेंजर, मधुपुर-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस और गोड्डा-नई दिल्ली साप्ताहिक ट्रेन गुजरती है। लेकिन ट्रेन के गुजरने के साथ ही पुल के नीचे पिलर में कंपन होने लगता है। ऐसे में पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। बावजूद इसके जिला खनन विभाग व डीएमओ की इसपर नजर नहीं है। नतीता यह है कि यहां रात-दिन बालू का अवैध खनन हो रहा है। रेलवे पुल के चारों तरफ बालू निकासी के बाद तस्कर अब पिलर के आसपास के बालू का उत्खनन कर रहे है। उसरी नदी में स्थित पुल में कुल सात पिलर है, जिसमें से एक को भी बालू तस्करों ने नहीं बख्शा है, हर पिलर को खोखला कर दिया गया है। गिरिडीह-बेंगाबाद रोड़ के सिहोडीह पुल व गिरिडीह-महेशमुंडा के अरगाघाट पुल का बालू तस्करों ने दुर्दशा कर दी है। सिरोडीह पुल के पिलर के पास से बालू उत्खनन कर तस्करों ने सारे पिलर को डैमेज कर दिया था जिसे एनएचएआई को आनन-फानन में मरम्मत करनी पड़ी। अरगाघाट पुल के मरम्मत के लिए विशेष प्रमंडल की ओर से डीपीआर बनाकर भेजा गया है। अब बालू तस्कर बनखंजो के रेलवे पुल को बर्बाद करने में जुट गये है।