गयाजीः बिहार में आईपीएस अधिकारी के साथ एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहानाबाद के एसपी रहे और वर्तमान में विशेष बिहार सशस्त्र बल बटालियन तीन और 17 बोधगया के कमांडेंट दीपक रंजन के साथ एक अजीब सी घटना हुई।
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पेट्रोल पंप पर फ्रेश होने के लिए रूके आईपीएस अधिकारी को उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड अंधेरे में अकेला छोड़कर गाड़ी लेकर आगे चले गए। अधिकारी का फोन और सामान भी गाड़ी में ही छूट गया। वह किसी तरह से करीब ढेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर थाने पहुंचे। फिर वहां से सूचना दी गई और उन्हे गयाजी पहुंचाया गया।
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ये घटना तब हुई जब आईपीएस अधिकारी दीपक रंजन पटना से बोधगया लौट रहे थे। इस मामले में बीएसएपी के चालक प्रदीप कुमार और उनके दोनों बॉडीगार्ड को निलंबित कर दिया गया है। तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। हालांकि इस मामले में दीपक रंजन ने कहा कि यह माइनर घटना है। फिर गाड़ी लौटकर आ गई थी। इस घटना को सेंशेसन के रूप में नहीं लें। खबर भी बनाने की जरूरत नहीं है। निलंबन भी सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है।
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दरअसल, पटना से गया जी जाने के क्रम में जहानाबाद के टेहटा में पेट्रोल पंप पर विशेष बिहार सशस्त्र बल के कमांडेंट दीपक रंजन फ्रेश होने के लिए रूके थे। उनके साथ ड्राइवर और दोनों बॉडीगार्ड भी उतरें। सड़क किनारे काफी अंधेरा था। साहब के गाड़ी में बैठने से पहले ही दोनों बॉडीगार्ड और चालक गाड़ी में बैठ गए और गाड़ी स्टार्ट कर गयाजी पहुंच गए। इधर कमांडेंट लौटे तो गाड़ी को न पाकर परेशान हो गए। करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पास के टेहटा थाना पहुंचे। यहां से थानाध्यक्ष के मोबाइल से बोधगया बटालियन स्थित कमांडेंट के रीडर और अन्य अधिकारियों को सूचित किया गया। फिर जहानाबाद पुलिस की गाड़ी से उन्हे गयाजी भेजा गया। दीपक जहानाबाद के निवर्तमान एसपी भी रहे है।