रांचीःसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट की एक अतिरिक्त जिला जज द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट से जवाब मांगा है। याचिका में चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने से इनकार किए जाने को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए झारखंड हाईकोर्ट से जवाब मांगा है। पीठ ने कहा, “एक सप्ताह के भीतर जवाब दें। झारखंड के स्टैंडिंग काउंसल को नोटिस भेजने की अनुमति दी जाती है। हाईकोर्ट को ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाए। अगली सुनवाई पर मामले का निपटारा किया जाएगा।”
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याचिकाकर्ता एकल अभिभावक हैं*
याचिकाकर्ता जज एकल अभिभावक (सिंगल पेरेंट) हैं और उन्होंने 6 महीने की चाइल्ड केयर लीव मांगी थी, जिसे झारखंड हाईकोर्ट ने मंजूर नहीं किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने बताया कि उनकी सेवा रिकॉर्ड उत्कृष्ट रही है। वकील ने कहा, “उनका वार्षिक गोपनीय रिकॉर्ड (एसीआर) देखें, वह बहुत अच्छा रहा है… उन्होंने 6 महीने की चाइल्ड केयर लीव मांगी, जबकि हाईकोर्ट 730 दिनों (2 साल) की लीव देता है।”
### *सुप्रीम कोर्ट ने पूछा—पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गईं?*
पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख क्यों किया, जबकि पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती थी। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से जवाब दिया गया कि मामला अत्यंत जरूरी है और हाईकोर्ट में गर्मी की छुट्टियों के बाद ही सूचीबद्ध होता, जिससे विलंब होता।
सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मामले का निपटारा करने की बात कही है