लातेहारः बालूमाथ थाना क्षेत्र में कोयला माफिया इतने निडर हो गये है कि उन्हे पुलिस प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। वे कोयला की चोरी करने के लिए जमीन खोदकर अवैध माइंस ही बना ले रहे है। बालूमाथ में कोयला माफियाओं का आतंक सर चढ़कर बोल रहा है।
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दरअसल, बालूमाथ थाना क्षेत्र के हरैयाखांड और आसपास के इलाके में जमीन के नीचे कोयला है। इस कोयले का खनन करने में माफिया जुट गये हैं और वहां अवैध माइंस बना लिया है। माफिया आराम से कोयला चोरी की इसकी तस्करी कर रहे हैं। माफियाओं ने यह अवैध माइंस जेसीबी के जरिये मिट्टी को खोदकर और ट्रेंच बनाकर तैयार किया है। यहां से कोयला चोरी कर इसे ट्रैक्टर और हाइवा के जरिये ईट भट्टों सहित दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। अबतक यहां से लाखों रुपये की कोयला चोरी की जा चुकी है।
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अमूमन इस इलाके में रात में कोयला चोरी कर इसे आसपास के इलाके में एकत्र किया जाता था। इसके बाद जेसीबी के जरिये बड़े वाहनों में कोयला को लोड कर इसे दूसरी जगहों पर भेजा जाता था। कोयला चोरी करने वाले जिस तरह संगठित रूप से काम कर रहे थे, उसके बाद से कई सवाल उठने लगे है। सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी हो रही है, लेकिन इसे संरक्षण देने वाले लोग कौन है, क्योंकि बिना संरक्षण के रातों रात माइंस बना देना और कोयला की तस्करी करना संभव नहीं है।
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कोयला चोरी और इसके अवैध परिवहन में जिन लोगों का नाम सामने आ रहा है। उसमें कुल 13 लोग शामिल है। इसमें संदीप यादव, मनोज यादव, सुरेंद्र उरांव, बलराम उरांव, अनिल उरांव, छोटू अंसारी, मंगल उरांव, राजू यादव, अजय यादव और कार्तिक उरांव के अलावा कई और व्यक्ति शामिल है।