पटना: नीतीश कुमार की पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जेडीयू ने मणिपुर में अपने प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया है। जेडीयू ने ये फैसला प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह द्वारा एनडीए से अलग होने को लेकर जारी किये गए पत्र के बाद किया गया है।
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मणिपुर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर बीजेपी से समर्थन वापस लेने का एलान किया था। उन्होने अपने पत्र में लिखा था कि मणिपुर में JD(U) के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को विधानसभा के अंतिम सत्र में विपक्ष की बेंच में बैठाया गया है। यह भी दोहराया जाता है कि JD(U), मणिपुर इकाई मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है, और हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक के रूप में माना जाएगा।”
समर्थन वापसी को लेकर वीरेंद्र सिंह द्वारा जारी किये गए लेटर के बाद बवाल को शांत करने के लिए जेडीयू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से वीरेंद्र सिंह को हटा दिया। जेडीयू ने अपना स्टेंड क्लीयर करते हुए कहा कि जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर प्रदेश के अपने पार्टी अध्यक्ष, जिसने यह पत्र लिखा था वीरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया दिया है। अनुशासनहीनता के आरोप में वीरेंद्र सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है।मणिपुर में बीजेपी सरकार को समर्थन जारी है। मणिपुर के साथ-साथ बिहार में भी और केंद्र में भी पूरी मजबूती के साथ जनता दल यूनाइटेड बीजेपी के साथ समर्थन में खड़ी है।
JDU नेता नीरज कुमार ने कहा, “JDU NDA का अभिन्न अंग है, केंद्र सरकार में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है। मणिपुर की राज्य युनिट ने जहां उनके एक विधायक ने निर्णय लिया पार्टी ने तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की। हम NDA के अभिन्न अंग हैं, कोई दरार नहीं है… तुरंत कार्रवाई की गई… बिहार में ‘2025 से 30 फिर से नीतीश’, यह तो NDA का नारा है…”
JD(U) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “यह भ्रामक और निराधार है। पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। हमने NDA का समर्थन किया है और मणिपुर में NDA सरकार को हमारा समर्थन जारी रहेगा। मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) खुद ही पत्र लिखा था। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया है… हम NDA के साथ हैं और राज्य इकाई मणिपुर के लोगों की सेवा करती रहेगी और राज्य के विकास में योगदान देगी।”