रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची के पीएमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
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31 जनवरी 2014 को जमीन घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अभी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में है। उन्होने पीएमएलए कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राहत के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पीएमएलए कोर्ट ने फैसला सुरिक्षत रख लिया था, सोमवार को सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
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वही दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 मई को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को सही ठहराने वाली याचिका के खिलाफ सोमवार को सुनवाई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की अदालत ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 17 मई को निर्धारित की। हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने तीन मई को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को सही बताते हुए याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश को हेमंत सोरेन ने चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।सोमवार को हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने
अदालत को बताया कि जिस जमीन की गड़बड़ी की बाच कह ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है वह जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में कभी रही ही नहीं। ऐसे में जमीन में गड़बड़ी का आरोप लगा कर हेमंत सोरेन को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। ईडी ने हेमंत सोरेन के नाम पर जमीन होने का एक भी दस्तावेज पेश नहीं किया है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी को सही बताया जा सकता। ऐसे में हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर हेमंत को रिहा करना चाहिए।इस पर अदालत ने कहा कि इस मामले में ईडी का पक्ष भी सुना जाना है। इसकेलिए उसे नोटिस किया जा रहा है। इस पर कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि जल्द ही ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया जाए। इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए लंबे समय की जरूरत नहीं है। इसके बाद अदालत ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए 17 मई को अगली सुनवाई निर्धारित की।
क्या है मामला
हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था। याचिका में कहा गया था कि जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है वह मामला शेड्यूल ऑफेंस का नही है। उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.44 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का कोई जिक्र नहीं है।
जबकि ईडी का कहना था कि 16 अगस्त 2023 को अंचलाधिकारी बड़गाईं को राजकुमार पाहन द्वारा उनकी जमीन पर कब्जे की शिकायत के बाद आनन-फानन में 29 जनवरी 2024 को एसएआर कोर्ट ने अंतिम रूप से राजकुमार पाहन को उक्त जमीन का मालिकाना हक दे दिया। यह मालिकाना हक भी उन्हें दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद दिया गया। पहले समन के बाद ही तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पावर का उपयोग करते हुए इस केस से संबंधित साक्ष्य को नष्ट करने की
कोशिश की है।