रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने 11 नये मंत्रियों के साथ शुक्रवार को कैबिनेट बैठक की। झारखंड मंत्रालय में हुए कैबिनेट के दौरान मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने अपने विभागीय कार्यो को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया। ब्लॉक से जिला तक सभी योजनाओं का धरातल पर जाकर असलियत देखे। दो महीने के अंदर जिलास्तर पर भ्रमण करें और उसका फीडबैक मुख्यमंत्री को दें। सभी विभाग के मंत्री नई उर्जा के साथ कार्य करें।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “…मंत्रिपरिषद की बैठक पूर्ण हुई और हम लोगों ने ये तय किया है कि आने वाले समय में राज्य को एक बेहतर दिशा कैसे दी जा सकती है। इसमें हमने कुछ 15 से 16 बिंदु बनाए हैं। हम लोग राज्य को दिशा देने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेंगे। सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभागों की समीक्षा करना शुरू करेंगे… सभी जिलों में सभी विभागों की बैठक होगी… सभी विभागों में लोगों की पदोन्नति को लेकर भी समीक्षा होगी और जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा… हमने सभी विभागों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं… हमने 2 महीनों के भीतर सभी मंत्रिगणों को जिला का भ्रमण करने का आदेश दिया है… आने वाले समय में रोडमैप बनाने के लिए सभी मंत्रिगण लग जाएंगे…”
कैबिनेट बैठक के बाद झारखंड के मंत्री चमरा लिंडा ने कहा, “…दो महीने के अंदर हमें अपने-अपने विभागों में सर्वे कर लेना है और विकास की बात करनी है…इसलिए कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है और सभी मंत्रियों को निर्देश मिल गए हैं कि उन्हें अपने-अपने विभागों में दो महीने के अंदर क्या-क्या काम करने हैं…”
Hemant Cabinet में हो गया विभागों का बंटवारा, देखिये किस मंत्री को मिला कौन सा विभाग
1. मंत्रिपरिषद् में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद् की बैठक में प्रस्ताव आ सके।
2. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकर कर feedback लें।
3. विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें।
4. वैसी योजनाएँ जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें।
5. कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें।
6. राज्य में आपके विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें।
7. वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएँ हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें।
8. भवन जैसे Infrastructure वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि, बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय।
9. वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करें।
10. अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें।
11. पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर adjustment करें।
12. आप्त सचिव तथा निजी Staff रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें।
13. कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे।
14. अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहाँ की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें।
15. क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में feedback प्राप्त करें और माननीय मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएँ।
16. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो।
17. सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को Press Conference कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।