रांचीः राज्य के देवघर जिले में 11 जुलाई से शुरू होने वाले राजकीय श्रावणी मेला – 2025 की तैयारियों को लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान, बाबा बैद्यनाथ धाम – बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार एवं वरीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
बता दें कि सावन माह में देवघर में श्रावणी मेला लगता है, जो विश्व प्रसिद्ध है। इस दौरान देश-विदेश से लोग बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा करने आते हैं। बिहार के सुल्तानगंज स्थित गंगा से पानी लेकर लोग पैदल भी देवघर पहुंचते हैं। इस दौरान सरकार की ओर से अरघा सिस्टम लागू कर दिया जाता है, साथ ही वीआईपी दर्शन भी स्थगित कर दिया जाता है।
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देवघर में होने वाले श्रावणी मेला में राज्य के कई अधिकारियों और पुलिस के जवानों को लगाया जाता है, ताकि भीड़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। विश्व प्रसिद्ध मेले में सोमवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है, क्योंकि उस दिन भगवान शिव की पूजा का दिन माना जाता है।
जुलाई माह से शुरू होने वाले राजकीय श्रावणी मेला – 2025 की तैयारियों को लेकर रांची में बाबा बैद्यनाथ धाम-बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार एवं उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल हुआ। pic.twitter.com/IgLh3hGg5W
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 23, 2025
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श्रावणी मेला को और भव्यता दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला हमारी आस्था का एक बड़ा केंद्र है। श्रावणी मेले से झारखंड को देश- दुनिया में विशिष्ट पहचान मिली है। हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा नगरी आते हैं। हर वर्ष इस विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले को काफी बेहतर तरीके से आयोजित करते आ रहे हैं। इस वर्ष भी लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में वे यहां से बेहतर अनुभव लेकर जाएं, इसके लिए श्रावणी मेला में नई कड़ियों को जोड़ने के साथ इसे और भी भव्य स्वरूप देने की दिशा में आगे बढ़ें। इसके लिए जो भी जरूरतें होगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
समन्वय बनाकर तैयारियों को अंतिम रूप दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला में सुरक्षा, स्वच्छता, विश्राम, पेयजल, बिजली ,पानी, शौचालय, स्नानागार, यातायात और स्वास्थ्य से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पुख्ता होनी चाहिए। इसके लिए सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर तैयारियों को अंतिम रूप दें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि वे श्रावणी मेला की तैयारियों को लेकर विभागों द्वारा की जा रही व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें ।
मेला रूट में खाली पड़ी जमीन का उपयोग हो
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे श्रावणी मेला के समापन तक के लिए मेला रूट में खाली पड़ी जमीन को लेने के लिए रैयतों से बात करें। अगर वे इसके लिए तैयार हो जाते हैं तो उस जमीन पर विश्राम गृह, शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था करें , ताकि श्रद्धालुओं को अच्छी व्यवस्था मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मेला के समापन के बाद उक्त जमीन की पूरी साफ सफाई कर उसके रैयत को वापस कर दें। मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से रहने और भोजन की व्यवस्था करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया।
भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन व्यवस्था पर विशेष बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय श्रावणी मेला के दौरान बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में भीड़ नियंत्रण के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को पुख्ता रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मेला रूट में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएं। वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर उसका कड़ाई से पालन हो। पर्याप्त संख्या में वाहन प्लेट नंबर रीडिंग हाई डेफिनेशन कैमरा लगाएं जाय, ताकि ट्रैफिक सिस्टम का उल्लंघन करने वालों की पहचान में सुविधा हो सके।
श्रद्धालुओं की शिकायतों पर तुरंत एक्शन लें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को QR Based Complain System शुरू करने का निर्देश दिया , ताकि किसी भी श्रद्धालु को अगर कोई परेशानी या समस्या हो रही है तो वह अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करा सके । उन्होंने कहा कि शिकायतों के त्वरित निष्पादन की व्यवस्था होनी चाहिए । मुख्यमंत्री ने मेला प्रबंधन को लेकर कई अन्य अहम निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
उच्च स्तरीय बैठक में मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक सुरेश पासवान, विधायक देवेंद्र कुंवर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, प्रधान सचिव वंदना दादेल, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, सचिव मनोज कुमार के अलावा कई अन्य वरीय अधिकारी तथा बाबा बैद्यनाथ धाम- बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार के सदस्य गण मौजूद थे।