रांचीः झारखंड के सबसे युवा और सबसे ग़रीब विधायक जयराम महतो का संसदीय राजनीति का सफ़र शुरु हो चुका है । डुमरी से विधानसभा चुनाव जीत चुके जयराम महतो ने लाइव दैनिक से एक्सक्लूसिव बातचीत की और इस बातचीत के दौरान निजी सार्वजनिक दोनों चीजों पर दिला खोल कर बात की है । उन्होंने अपने बचपन से लेकर यहां तक के सफ़र के बारे में बहुत विस्तार से बातचीत की है ।
जयराम महतो नहीं पी सके मां का दूध
जयराम महतो का जीवन संघर्षों भरा रहा है । उनका संघर्ष मां के गर्भ से ही शुरु हो चुका था । जयराम महतो ने बताया कि उनके दो छोटे भाई-बहन बचपन में चल बसे थे। मां मानसिक तौर से टूट चुकी थीं। पिता तब चल बसे जब जयराम मां के गर्भ में ही थे । पिता की मृत्यु के तीन महीने के अंदर दादा का भी देहांत हो गया। चाचा नेत्रहीन थे । जयराम महतो ने बताया कि छोटे भाई-बहन के चले जाने के बाद परिवार में अंधविश्वास की वजह से नानी ने कभी मां का दूध नहीं पीने दिया , पैदा होते ही नानी उनको ले आई और पाउडर दूध और भैंस का दूध पीकर वे बड़े हुए । नाना-नानी के घर ही वे पले-बढ़े ।
विधायक बनने के बाद अमीर बन जाएंगें जयराम ?
जयराम महतो ने बचाया उन्होंने पैदा होते ही संघर्ष करना सीखा है । वे झारखंड विधानसभा के सबसे युवा और ग़रीब विधायक हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी उनके बैंक अकाउंट में चार-पांच लाख रुपए से ज्यादा नहीं होंगे । विधानसभा में वे स्थानीय भाषा में शपथ लेंगे और अगर बोलने का मौका मिला तो स्थानीयता और विस्थापन जैसे मुद्दों पर ही पहली बार बोलेंगे ।
अनूप सिंह, रवींद्र पांडेय से कैसी दुश्मनी?
जयराम महतो ने बातचीत के दौरान कहा कि वे बेरमो में रवींद्र पांडेय और अनूप सिंह के ख़िलाफ़ उनकी लड़ाई विचारधारा की थी । वे दोनों मूलवासी नहीं है । कामरेड ए के राय का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अगर ये दोनों ने नेता कॉमरेड एके राय की तरह होते तो उनका स्वागत करते।
डिप्टी सीएम बनने का था ऑफ़र
जयराम महतो ने ये भी खुलासा किया कि उनके पास डिप्टी सीएम तक का ऑफ़र था लेकिन उन्होंने यह कह कर ऑफ़र ठुकरा दिया कि पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और वे अकेले लड़ेंगे । हांलाकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि किसने ऑफ़र दिया था । जयराम महतो ने बीजेपी की हार की वजह बताते हुए कहा कि बीजेपी ने ग़लत मुद्दों को टच किया जिसकी वजह से हार का सामना करना पड़ा । ख़ासतौर से बांग्लादेशी घुसपैठ के सवाल पर उन्होंने बताया कि संताल के मुद्दे को कोल्हान में उठाने का नुक़सान हुआ ।