यूपी के इंजीनियर्स और सरकारी बाबूओं ने कैसे कर दिया गूगल को फेल, गलती अपनी अब गूगल के अफसर लगाएंगे कोर्ट के चक्कर । जी ख़बर ही ऐसी है। दो सगे भाइयों की जान नहीं जाती तो पता नहीं चलता कि उत्तर प्रदेश के पुल निर्माण विभाग समेत बरेली के अफ़सर कितने लापरवाह है कि करोड़ों की पुल के टूटने के महीनों हो जाने के बावजूद सौ रुपए का एक साइन बोर्ड नहीं लगा सके कि आगे मत जाएं पुल क्षतिग्रस्त हैं । नतीजा ये हुआ है कि बरेली में तीन लोगों की मौत हो गई ।
गूगल मैप के सहारे सफ़र पड़ा महंगा
बरेली में जीपीएस के सहारे जा रहे तीन लोगों की कार इतनी रफ़्तार में इस पुल पर जा रही थी कि अंदाजा भी नहीं हुआ कि जिसे वे मंजिल में पहुंचने का जरिया मान कर जा रहे थे वो उन्हें आख़िर सफ़र तक पहुंचा देगी । तीन लोगों की जान चली गई । बताया जा रहा है कि दो सगे भाई थे । मौत की ख़बर के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन एक दूसरे के माथे पर जिम्मेदारी डालता हुआ ख़ुद को बेगुनाह बता रहा है।
गुरुग्राम से शादी समारोह में आ रहे थे
दरअसल गुरुग्राम से बरेली के फरीदपुर में शादी समारोह में शामिल होने आ रहे तीन युवकों की कार रविवार तड़के एक अधूरे पुल से करीब 20 फुट नीचे गिर गई। इस हादसे में तीनों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, ये युवक गूगल मैप के माध्यम से रास्ता देख रहे थे और उसी दौरान बदायूं के समरेर को फरीदपुर से जोड़ने वाले रामगंगा नदी पर बने अधूरे पुल से दुर्घटनाग्रस्त हो गए।
जीपीएस और यूपी के पुलों पर भरोसे से गई जान
मृतकों की पहचान मैनपुरी के बिछवां निवासी अमित सिंह (38), फर्रुखाबाद के एमादपुर हीरामन निवासी अजीत कुमार (35) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) के रूप में हुई है। अमित की गुरुग्राम में सिक्योरिटी एजेंसी है, जबकि अजीत उसी एजेंसी में ऑपरेशन एग्जिक्यूटिव थे। नितिन अजीत के साथ रहकर अपनी कार ओला में चलाते थे। ये तीनों अच्छे दोस्त भी थे।
बाढ़ में पुल टूट गया था
पुल का निर्माण 42 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था और इसे अप्रैल 2023 में शुरू किया गया था। लेकिन, सितंबर में आई बाढ़ में पुल का पहुंच मार्ग बह गया, जिससे पुल अब अधूरा पड़ा है।