रांची: 26 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में अपना स्लोगन ‘खौफ नहीं है किसी के बाप का, जो दिल में आएगा वही करेगा’ देना वाला राहुल तुरी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उग्रवादी संगठन टीएसपीसी छोड़कर इसने अपना संगठन बनाया था। कोयलांचल इलाके में अपना आतंक बढ़ाना चाह रहा था।
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राहुल तुरी उर्फ आलोक का रांची के खलारी, चतरा के पिपरवार और आसपास के इलाके में आतंक था। इसने जेएमएम नेता संतोष सिंह की हत्या 8 जनवरी को हजारीबाग के उरीमारी थाना क्षेत्र के न्यू बिरसा कोलियरी इलाके में कर दी थी। रामगढ़ और हजारीबाग पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुजू में राहुल तुरी मुठभेड़ में मारा गया।
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राहुल तुरी रांची के खलारी के गुलजारबाग का रहने वाला था। उसके पिता छोटन तुरी अभी जेल में है जो टीएसपीसी से जुड़ा था।बुढ़मू में पुलिस दल पर हमला करने सहित कई आपराधिक कांडों में वह संलिप्त था। छोटन तुरी वर्षों पूर्व ओडिशा में एक बैंक डकैती कांड लूट के रुपये के साथ पकड़ाया था। जेल की सजा काटकर आने के बाद कुछ दिन सामाजिक कार्यों में लगा रहा। बाद में छोटा टीएसपीसी से जुड़ गया। ग्रामीण बताते हैं कि राहुल तुरी पढ़ने में तेज था, परंतु बाद में पिता छोटन तुरी के मार्ग चल निकला। पिता छोटन ने ही राहुल तुरी को अपराध की दुनिया में ले गया था।