रांची : राज्य की राजनीति में नये साल का पहला दिन बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम के साथ शुरू हुआ जब गिरिडीह के गांडेय सीट से जेएमएम विधायक सरफाराज अहमद के इस्तीफे की खबर आई। पता चला कि सरफराज 31 दिसंबर को दिल्ली से रांची आये और विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को इस्तीफा देकर वापस दिल्ली लौट गए। उनसे जब इस्तीफे की वजह पता करने के लिए बात करने की कोशिश की गई तो उन्होने कहा कि अगले 3-4 दिनों में वो स्थिति स्पष्ट करेंगे।
अब जब झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 11 महीने से कम का समय रह गया है ऐसी स्थिति में सरफराज अहमद ने अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा क्यों दिया, आखिर इसके पीछे क्या राजनीति चल रही है, तो पता चला कि इस सीट को झारखंड में आने वाले बड़े राजनीतिक और संवैधानिक बदलाव के लिए छोड़ दिया गया है। सरकार के विरोधी और झारखंड की राजनीति के जानकार इस इस्तीफेइ के पीछे कुछ और कारण बता रहे है, उनका दावा है कि सरफराज ने पार्टी आलाकमान के कहने पर अपनी सीट कुर्बान की है।
गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे दावा कर रहे है कि गांडेय सीट को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के लिए खाली किया गया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ईडी के समन के बावजूद उनके सामने पेश नहीं हो रहे है, उन्होने ईडी के सामने हाजिर होने की न तो जगह बताई है और न ही समय दिया है ऐसे में अगर ईडी को बड़ा कदम उठाती है तो राज्य में संवैधानिक संकट न आये इसलिए कल्पना सोरेन को विधायक बनाकर उनकी ताजपोशी की जा सकती है। वही दूसरी ओर पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने कहा है कि गांडेय सीट को सोरेन परिवार के लिए ही सुरक्षित किया गया है और कुर्बानी देने वाले विधायक को राज्यसभा भेजने की तैयारी हो रही है। गांडेय विधायक के अचानक हुई इस्तीफे ने झारखंड के राजनीति का पारा चढ़ा दिया है।