रांची: गढ़वा विधानसभा सीट पर आरजेडी ने दावा ठोक दिया है। आरजेडी के दावे से गठबंधन में स्थिति असहज हो गई है। आरजेडी के नेताओं ने बैठक कर मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।
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गढ़वा के अशोक विहार स्थित आरजेडी के जिला कार्यालय में हुई बैठक में आरजेडी ने राज्य के 22 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया और उसकी तैयारियां करने की भी बातें कही। खासतौर पर गढ़वा सीट पर आरजेडी की नजर है जहां से अभी राज्य सरकार में मंत्री मिथिलेश ठाकुर विधायक है। आरजेडी नेताओं का आरोप है कि मिथिलेश ठाकुर गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे है और गठबंधन के दल को ही कमजोर करना चाहते है, वो आरजेडी के कार्यकर्ताओं को जेएमएम की सदस्यता दिला रहे है। गढ़वा जिलाध्यक्ष सूरज सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करने का प्रस्ताव विशेष समिति के समक्ष पारित किया गया।
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गढ़वा सीट पर आरजेडी के दावेदारी पहले भी रही है। इस सीट से 2005 में गिरिनाथ सिंह आरजेडी के विधायक रह चुके है और जब जब गिरिनाथ सिंह गढ़वा से चुनाव लड़े है जेएमएम उम्मीदवार मिथिलेश ठाकुर की हार हुई है। 2019 के चुनाव में गिरिनाथ सिंह मैदान में नहीं उतरे तो वहां से मिथिलेश ठाकुर बड़े अंतर से चुनाव जीत गए। 2009 से 2014 के बीच सत्येन्द्र तिवारी दो बार जेवीएम से और एक बार बीजेपी से विधायक रहे। 2014 के चुनाव में गिरिनाथ सिंह बीजेपी उम्मीदवार और मिथिलेश ठाकुर जेएमएम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े है और मिथिलेश ठाकुर की उस चुनाव में हार हो गई, हार की एक बड़ी वजह गिरिनाथ सिंह का चुनाव में उतरना बताया गया। इस बार फिर गिरिनाथ सिंह गढ़वा से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे है, बताया ये जाता है कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव की ओर से उन्हे टिकट के लिए आश्वस्त कर दिया गया है। ऐसे में आरजेडी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है और इस सीट को अपनी पारंपरिक सीट बताते हुए प्रत्याशी देने का एलान कर रहे है। आरजेडी कार्यकर्ताओं के इस रवैये से गठबंधन संकट में पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि इस सीट पर अंतिम फैसला हेमंत सोरेन और लालू यादव ही लेंगे।