दिल्लीः 92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह तैंतीस वर्षों बाद राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं । उपरी सदन का सदस्य रहते हुए वे वित्त मंत्री बने और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी दस वर्षों तक निभाई। डॉ मनमहोन सिंह की रिटायरमेंट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लंबी चौड़ी चिट्ठी लिखी है । उन्होंने लिखा कि
तीन दशकों से अधिक समय तक सेवा करने के बाद आज जब आप राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो एक युग का अंत हो गया है। बहुत कम लोग कह सकते हैं कि उन्होंने आपसे अधिक समर्पण और अधिक निष्ठा से हमारे देश की सेवा की है। बहुत कम लोगों ने देश आपके जितना काम किया है।
खरगे ने व्यक्तिगत संबंधों का जिक्र करते हुए लिखा कि
आपके मंत्रिमंडल का हिस्सा बनना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से सौभाग्य की बात है। पिछले 10 वर्षों में, जबकि मैं लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता रहा हूं, आप हमेशा ज्ञान का स्रोत रहे हैं और ऐसे व्यक्ति रहे हैं जिनकी सलाह को मैं महत्व देता हूं। पिछले कुछ वर्षों में, आपने व्यक्तिगत असुविधाओं के बावजूद कांग्रेस पार्टी के लिए उपलब्ध रहना सुनिश्चित किया है। इसके लिए पार्टी और मैं सदैव आभारी रहेंगे।’
खरगे ने आर्थिक नीतियों की तारीऱ कते हुए लिखा कि
आप ही थे जिन्होंने दिखाया कि गरीब भी देश के विकास में भाग ले सकते हैं और गरीबी से बाहर निकल सकते हैं। आपकी नीतियों की बदौलत, आपके प्रधान मंत्री रहते हुए भारत 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सक्षम रहा, जो दुनिया में गरीबों की सबसे बड़ी संख्या है। आपकी सरकार में शुरू की गई मनरेगा योजना संकट के समय में ग्रामीण श्रमिकों को राहत प्रदान करती रहती है। देश और विशेष रूप से ग्रामीण गरीब आपको इस बात के लिए हमेशा याद रखेंगे कि वे इस योजना के माध्यम से जीविकोपार्जन कर सकें और आत्म-सम्मान के साथ जी सकें।
न्यूक्लियर डील का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह मनमोहन सिंह ने अपनी ही सरकार को खतरे में डाल दिया था ।
कांग्रेस पार्टी की देशभक्ति की विरासत और उसके त्याग की भावना का आपने बखूबी प्रदर्शन किया जब आपने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने का फैसला किया, भले ही इसका मतलब देश की सुरक्षा के लिए अपनी सरकार को खतरे में डालना था। यह एक ऐतिहासिक क्षण था जब आपने भारत को दुनिया में उसका उचित स्थान दिलाने का नेतृत्व किया और एक समझौता न करने वाले वार्ताकार के रूप में अपनी ताकत दिखाई। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपतियों और अन्य विश्व नेताओं के आपके प्रति आदर और आदर ने इसे संभव बनाया है। वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान आपके प्रति उनका सम्मान और बढ़ गया। मुझे याद है कि राष्ट्रपति ओबामा ने आपके बारे में कहा था कि “जब भी भारतीय प्रधान मंत्री बोलते हैं, तो पूरी दुनिया उन्हें सुनती है।” ये केवल कुछ उदाहरण हैं जिनका मैं राष्ट्र के प्रति आपके अनेक योगदानों में से उल्लेख कर रहा हूँ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इशारों-इशारों में पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। खरगे ने लिखा कि
हम ऐसे समय में रहते हैं जिसे काफी हद तक आप ही ने आकार दिया है। आज हम जिस आर्थिक समृद्धि और स्थिरता का राष्ट्र उस शांत लेकिन मजबूत गरिमा को याद करता है जो आपने प्रधान मंत्री के पद पर लाई थी। संसद को अब आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी। आपके मर्यादित, नपे-तुले, मृदुभाषी विपरित राजनेता झूठ से भरी तेज़ आवाज़ों में बात करते हैं।
गौरतलब है कि पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के अलावा राज्यसभा से कई केंद्रीय मंत्री भी तीन अप्रैल को रिटायर कर रहे हैं। सोनिया गांधी अब राज्यसभा पहुंच चुकी है ।