पटना: नेपाल में हो रही लगातार बारिश के चलते बिहार की नदियों, विशेष रूप से गंडक, कोसी, बागमती और महानंदा में जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई है। बिहार के जल संसाधन विभाग ने चेतावनी जारी की है कि कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रबंधन के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है।
गंडक बैराज पर जलस्तर चिंताजनक
गंडक नदी पर वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बैराज में 28 सितंबर 2024 को सुबह 10 बजे जलस्तर 5.62 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया, जो 7 जुलाई 2024 के 4.40 लाख क्यूसेक से कहीं अधिक है। बाढ़ नियंत्रण इकाइयां चौकस हो गई हैं और संभावित बाढ़ से निपटने के लिए आपातकालीन कदम उठाए जा रहे हैं। बगहा इलाके में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में लापरवाही के आरोप में संबंधित इंजीनियर निशिकांत कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
कोसी नदी में जलप्रवाह खतरनाक स्तर पर
कोसी नदी में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। बिरपुर में कोसी बैराज पर 29 सितंबर 2024 की सुबह 5 बजे जलप्रवाह 6.61 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जो कि जुलाई में दर्ज 3.93 लाख क्यूसेक से बहुत अधिक है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर निचले क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया है।
बागमती नदी का कहर, कई इलाकों में अलर्ट जारी
सुपौल जिले के हयगांव गेज स्टेशन पर बागमती नदी का जलस्तर 29 सितंबर 2024 को 73.35 मीटर दर्ज किया गया, जो पहले के जलस्तर से 0.35 मीटर ज्यादा है। प्रशासन ने सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में सीपीएस/पिचिंग का कार्य तेजी से करवाया जा रहा है ताकि बाढ़ से प्रभावित इलाकों को सुरक्षित किया जा सके। 20 से अधिक संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जा रही है।
महानंदा और अन्य नदियों की स्थिति भी चिंताजनक
महानंदा, कमला बलान, और लालबकेया नदियों के जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। कमला बलान नदी के जयनगर गेज स्टेशन पर जलस्तर 52.10 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर ऊपर है। लालबकेया नदी में गोवालबास गेज स्टेशन पर जलस्तर 72.70 मीटर है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है। महानंदा नदी के टेगराघाट और बेगराजघाट गेज स्टेशनों पर भी जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिससे बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।
प्रशासन का “वार रूम” सक्रिय, लगातार निगरानी जारी
जल संसाधन विभाग ने सभी नदियों पर जलस्तर की बारीकी से निगरानी की जा रही है। विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 24×7 “वार रूम” का गठन किया है, जिसमें उच्च स्तरीय अधिकारी 72 घंटे तक स्थिति पर निगाह रखेंगे। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने 29 सितंबर को बैठक कर बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की है।
नेपाल मे 170 तकी मौत
नेपाल में बाढ़ की वजह अभी तक 170 लोगों की मौत की खबर है जबकि 40 लोग लापता हैं। बताया जा रहा है कि नेपाल के 11 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।