हाल में झारखंड के रांची में दोहरा हत्याकांड हुआ। यहां के नगड़ी थाना क्षेत्र के कतरपा में दो दिन पहले सरस्वती पूजा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान चाचा बुधराम मुंडा और भतीजा मनोज मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है।
अपराधियों ने इस वारदात को पूरी साजिश के साथ अंजाम दिया। एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि सेना की जम्मू-कश्मीर यूनिट से एके-47 चोरी कर रांची लाया गया। इसके बाद उसी एके-47 से चाचा-भतीजे की गोली मार हत्या की गई।
डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि इस मामले में पुलिस की टीम ने इटकी के पुरियो निवासी मनोहर टोप्पो और सुनील कच्छप को गिरफ्तार किया है। मनोहर टोप्पनो राष्ट्रीय राइफल-47 इंडियन आर्मी कुपवाड़ा जम्मू-कश्मीर में जीडी के पद पर पदस्थापित हैं। इन आरोपियों के पास से पुलिस ने एके-47, छह गोली के अलावा एक कार बरामद की है। इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश की जा रही है।
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एसएसपी ने बताया कि बुधराम मुंडा के बड़े भाई शनिचरा मुंडा ने अपने हिस्से की 26 डिसमिल जमीन जवान मनोहर को बेची थी। इसके एवज में मनोहर ने 2015-16 में शनिचरा को चार लाख रुपए भी दिए थे। पैसा लेने के कुछ दिन बाद शनिचरा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद सेना का जवान अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए बुधराम के पास जाने लगा। उस पर दवाब बनाने लगा।
बुधराम ने उससे कुछ पैसे भी लिये। कहा कि इस बार वह उसकी जमीन रजिस्ट्री कर देगा। लेकिन, दोबारा पैसे लेने के बाद भी उसने जवान को जमीन रजिस्ट्री नहीं की। इसको लेकर दोनों के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। इसके बाद जवान ने बुधराम की हत्या की साजिश रची और घटना को अंजाम दिया। मनोहर ने पुलिस को बताया कि वह मनोज की हत्या नहीं करना चाहता था। लेकिन, वह बीच-बचाव करने आया। इसी वजह से उसकी हत्या की गई।
एसएसपी ने बताया कि सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान बुधराम और मनोज की चार फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। गठित टीम ने घटनास्थल से एक नंबर प्लेट बरामद किया। उस आधार पर पुलिस अपराधियों की तलाश में जुट गई।
पता चला कि सचिन मिंज, सुनील कच्छप, मनोहर टोपनो और निर्मल मुंडा उर्फ अमर घटना में शामिल है। इसके बाद पुलिस ने मनोहर और सुनील को पकड़ा। कड़ाई से पूछताछ के बाद दोनों ने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की। मनोहर ने पुलिस को बताया कि वह यूनिट से एके-47 की चोरी की। इसके बाद सुनील कच्छप की सहायता से उसे बस के माध्यम से कुपवाड़ा से रांची लाया था।
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