डेस्कः पहलगाम में भारतीय पर्यटकों की आतंवादियों द्वारा की गई हत्या के बाद 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंवादियों के ठिकाने पर हमला किया। आतंकवादियों के खिलाफ इस कार्रवाई में 9 ठिकानों को तबाह किया गया। आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य सहित कई लोग मारे गये। हालांकि भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि इस एयरस्ट्राइक में सिर्फ आतंकवादी और उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया है। पाकिस्तानी सेना और नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। वहीं पाकिस्तान की ओर से बौखलाहट में की गई गोलीबारी में एलओसी के आसपास रह रहे सात भारतीय नागरिक मारे गये है और 30 से ज्यादा घायल हो गये है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की ओर से बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि आपसी तनाव घटाने और कूटनीति पर जोर दिया जाना चाहिए और युद्ध की स्थिति से बचा जाना चाहिए।
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भाकपा माले ने अपने प्रेस रिलीज में लिखा है कि भारत सरकार और सेना ने बताया है कि पिछली रात 7 मई की सुबह से पहले सीमापार पाकिस्तान में नौ आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों को नष्ट कर दिया गया है. भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि यह ऑपरेशन विश्वसनीय इंटेलिजेन्स जानकारी के आधार पर बिल्कुल सटीक, सधी हुई और सीमित दायरे में किया गया है. पाकिस्तान का कहना है कि इसमें बच्चों और महिलाओं समेत आम नागरिक भी मारे गये हैं. ऑपरेशन सिन्दूर के बाद जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से गोलीबारी होने और कई नागरिकों के मारे जाने की सूचनायें भी मिल रही हैं.
एक और भारत-पाक युद्ध के खतरनाक संकेत स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं. पूरी कोशिश होनी चाहिए कि दो परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों के बीच युद्ध न होने पाये. आतंकवाद को खत्म करने और तनाव कम करने के लिए हर तरह के गैर-सैनिक कूटनीतिक विकल्पों की सम्भावनाओं की तलाश जारी रहनी चाहिए.
भारत सरकार ने दो सौ से अधिक जिलों में सिविलियन मॉक ड्रिल कराने की भी घोषणा की है. इतने बड़े पैमाने पर ऐसी कवायद इससे पहले 1971 में हुई थी जब भारत और पाकिस्तान एक बड़े युद्ध में आमने-सामने आये थे. मॉक ड्रिल सुरक्षा के प्रति आम नागरिकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए कराई जाती है, हमें ध्यान रखना होगा कि इसके बहाने देश के अन्दर युद्धोन्माद का माहौल बना कर आंतरिक वातावरण बिगाड़ने के लिये न हो पाये.
स्पष्ट है कि जिन महिलाओं ने पहलगाम आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया है, उन्हें न्याय दिलाने के लिए इस कार्यवाही का नाम ऑपरेशन सिन्दूर रखा गया है. पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए जरूरी है कि हम उनके विचारों का सम्मान करें और शांति व सौहार्द बनाये रखने के उनके आह्वानों और सुरक्षा में रह गयी कमियों जिनके कारण वह भयानक आतंकी हमला हुआ, के प्रति उनकी चिन्ताओं को भी साझा करें. हिमांशी नरवाल और शैला नेगी जैसी बहादुर महिलाओं के खिलाफ कई असरदार राजनीतिक लोगों समेत सभी नफरती ट्रोल अभियान चलाने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए.
पहलगाम आतंकी हमला और अब ऑपरेशन सिन्दूर के बाद इण्टरनेट पर झूठे दावों और फेक न्यूज की बाढ़ ही आ गई है. फेक न्यूज और दुष्प्रचार पर रोक लगनी चाहिए लेकिन इसके बहाने अभिव्यक्ति व विरोध करने की आजादी का दमन हरगिज नहीं होना चाहिए. भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और राजनीतिक व्यंगकार माद्री काकोटी, डिजिटल न्यूज चैनल 4पीएम नेटवर्क के खिलाफ लगाये फर्जी आरोप, और अब पत्रकार पुण्यप्रसून बाजपेयी के यूट्यूब चैनल का अचानक ‘गायब’ हो जाने का मतलब दरअसल विरोध के स्वरों पर चल रहे हमलों को राष्ट्रविरोधी कह कर और तेज किया जा रहा है.
हम भारत सरकार से दमन की नीति को छोड़ने की मांग करते हैं और सभी न्यायपसन्द भारतीयों से हर तरह के आतंक, घृणा और दमन के विरुद्ध संगठित होने और शांति, सौहार्द एवं लोकतंत्र को बुलन्द करने का आह्वान करते हैं. हम पाकिस्तान की सरकार से भी कहना चाहते हैं कि वह पाकिस्तान में आतंकी कैम्पों को बंद करे, साथ ही पाकिस्तान की जनता से भी आतंक और युद्ध के खिलाफ आवाज उठाने अपील करते हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक और युद्ध हरगिज़ नहीं, इसकी जगह परस्पर तनाव कम करने के लिए दोनों और से दबाव बनना चाहिए