नई दिल्ली: झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के प्रचार के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के स्टार प्रचारकों पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद दोनों दलों के अध्यक्षों को नोटिस भेजा गया है ।
भाजपा की शिकायत
11 नवंबर, 2024 को भाजपा ने चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कांग्रेस के स्टार प्रचारकों पर झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस को निर्देश दिया है कि वह अपने स्टार प्रचारकों को आचार संहिता की धारा (1) के तहत निषिद्ध किसी भी प्रकार के बयान देने से रोके।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को अपनी टिप्पणी दर्ज कराने के लिए 18 नवंबर, 2024 तक का समय दिया है।
कांग्रेस की शिकायत
इसी के जवाब में, कांग्रेस ने 13 नवंबर, 2024 को भाजपा के स्टार प्रचारकों पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के स्टार प्रचारकों ने झूठे और भ्रामक बयान देकर समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश की। चुनाव आयोग ने भाजपा को भी इस मामले में 18 नवंबर, 2024 तक अपनी टिप्पणी देने का निर्देश दिया है।
क्या है विवाद?
भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के प्रचारक झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार के दौरान भ्रामक और गलत बयानों से मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भाजपा के केंद्रीय नेताओं और स्टार प्रचारकों पर झूठे आरोप लगाने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है।
चुनाव आयोग का निर्देश
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को उनके स्टार प्रचारकों को आचार संहिता का पालन करने की सख्त हिदायत दी है। आयोग ने पहले से जारी नोटिसों का हवाला देते हुए कहा है कि कोई भी बयान, जो आचार संहिता की धारा (1) का उल्लंघन करता है, स्वीकार्य नहीं होगा।
चुनाव प्रचार के इस दौर में दोनों प्रमुख पार्टियों की शिकायतें सियासी माहौल को और गर्मा सकती हैं। अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इन मामलों में क्या निर्णय लेता है।
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