न्यू मैक्सिको में 70 वर्षीय बुजुर्ग को अस्पताल में डॉक्टर्स की लापरवाही झेलनी पड़ी। वह थकान दूर करने और वजन घटाने के लिए अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा था, लेकिन डॉक्टर्स ने उसका शीघ्रपतन का इलाज कर दिया। शख्स ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के लिए कोर्ट पहुंचा। अदालत ने पीड़ित को 3500 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। हर्जाना अस्पताल को देना होगा।
मेट्रो.को.यूके की रिपोर्ट के अनुसार 70 वर्षीय पीड़ित ने 2017 में थकान और वजन घटाने के इलाज की उम्मीद में न्यूमेल मेडिकल सेंटर का दौरा किया था। आरोप है कि डॉक्टर्स ने वजन घटना के बजाय उसका गलत तरीके से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (शीघ्रपतन) का इलाज कर दिया। उसे हर हफ्ते कई इंजेक्शन दिए गए।
2020 में उसने अपने वकील की मदद से अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दायर किया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि उपचार के दौरान टेस्टोस्टेरोन को प्रत्यारोपित किया गया। इससे उसे गंभीर शारीरिक नुकसान हुआ।
जूरी ने न्यूमेल मेडिकल सेंटर को लापरवाह और धोखाधड़ी वाला पाया। रिपोर्ट के अनुसार, क्लिनिक के कर्मचारियों ने मरीजों को इलाज के लिए बहकाया और उन्हें यह डर दिखाया कि अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें बहुत नुकसान हो सकता है। वादी के वकील लोरी बेन्को ने बताया कि अस्पताल ऐसी जगह है, जहां मरीज अपने आपको उनके भरोसे पर छोड़ देता है, लेकिन ऐसा विश्वासघात बहुत गंभीर है।
जूरी ने अस्पताल को 412 मिलियन डॉलर (3490 करोड़ रुपये) हर्जाना देने का आदेश दिया। इसमें दंडात्मक क्षतिपूर्ति के तहत अस्पताल को अपने गलत व्यवहार के लिए 375 मिलियन डॉलर (3177 करोड़ रुपये) का हर्जाना देना होगा। जबकि, प्रतिपूरक क्षति के रूप में लगभग 37 मिलियन डॉलर (313 करोड़ रुपये) वादी को हुए शारिरिक और मानसिक नुकसान का मुआवजा देना होगा।
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