डेस्कः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के घर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की। भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के 15 ठिकानों पर ईडी की टीम ने शराब घोटाले को लेकर छापेमारी की।ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को पूछताछ के लिए समन जारी किया है और उन्हे मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले भिलाई स्थित पूर्व सीएम के घर छापेमारी से छापेमारी करके निकलते समय ईडी की टीम पर हमला किया गया। रेड के दौरान उनके समर्थक विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आये थे और बाहर निकलते के बाद समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान ईडी की टीम पर ईट-पत्थर फेंके गये। हालांकि इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
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इस बीच कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ छापेमारी पर नाराजगी जताई। पार्टी ने आरोप लगाया कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार के सामने कई अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के मकसद से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी के जरिए छापेमारी की कार्रवाई करवाई गई है।
कांग्रेस नेता टी.एस. सिंह देव ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर ED की छापेमारी पर कहा, “हम अपने साथी के साथ खड़े होने के लिए आए हैं… राजनीतिक विरोधियों के संदर्भ में जब भी दबाव बनाना होता है, तब ये इस प्रकार की कार्रवाई करते हैं… यह केवल गैर भाजपाइयों के खिलाफ होता है… जो भाजपा में आ जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई बंद… वोट डालना प्रजातंत्र की उपस्थिति का एकमात्र प्रमाण नहीं होता…”
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बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले को लेकर ईडी चैतन्य के ठिकानों पर रेड कर रही है। केंद्रीय एजेंसी पूर्व मुख्यमंत्री के भिलाई स्थित आवास पर भी छापेमारी कर रही है। भिलाई में चैतन्य बघेल के ठिकानों के साथ-साथ राज्य में कई अन्य व्यक्तियों से जुड़े ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी की गई। भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य का नाम भी ईडी की जांच में सामने आया था। ईडी का मानना है कि शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर अपराध की आय के रूप में 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है। इस मामले में ईडी कई अधिकारियों और कारोबारियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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ईडी ने अपनी जांच में दावा किया है कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। ईडी का दावा है कि 2019-23 की अवधि के दौरान कमाए गए अवैध लाभ में अनिल टुटेजा एक अभिन्न अंग था। ये पैसा कथित तौर पर डिस्टिलर्स से ली गई रिश्वत और सरकारी शराब की दुकानों द्वारा देशी शराब की बेहिसाब बिक्री के माध्यम से आया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 8 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें अपराध की कोई आय नहीं थी।