रांचीः ईडी ने एक बार फिर मंगलवार को झारखंड में छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक वकील सहित धनबाद के डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, जय कुमार राम, प्रभात भूषण, संजीव पांडे और रवि के ठिकानों पर कार्रवाई की है। यह छापेमारी पंडरा थाने में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की गई है।
बताया जा रहा है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मैनेज करने के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई है । ED ने यह छापेमारी रांची के पंडरा थाने में दर्ज प्राथमिकी मामले में की है। एक अधिवक्ता पर ईडी को मैनेज करने के नाम पर छह करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता जमीन माफिया कमलेश कुमार के सहयोगी जमीन कारोबारी संजीव पांडेय हैं। जमीन का धंधा करने वालों ने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर ठगी का यह आरोप लगाया है। हालांकि, अधिवक्ता सुजीत कुमार ने भी संजीव पांडेय व तीन अंचलाधिकारियों व उनके सहयोगियों पर अपहरण का आरोप लगाकर पंडरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पंडरा थाने की पुलिस इस मामले की छानबीन कर ही रही थी, इसी बीच ईडी ने मंगलवार को ईसी मामले में छापेमारी की ।
जमीन कारोबारी संजीव पांडेय, अधिवक्ता सुजीत कुमार, कांके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण, कांके के पूर्व अंचलाधिकारी सह वर्तमान में धनबाद के डीटीओ दिवाकर द्विवेदी, जयकुमार राम के सहयोगी अमन, जमीन कारोबारी संजीव पांडेय के सहयोगी रवि आदि से संबंधित ठिकाने पर ईडी की छापेमारी चल रही है । सूचना है कि दिवाकर द्विवेदी के धनबाद स्थित ठिकाने से रुपयों की बरामदगी हुई है। इसकी पुष्टि होने बाकी है ।
जमीन माफिया कमलेश कुमार के सहयोगी संजीव पांडेय ने पंडरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि ईडी को मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता सुजीत कुमार ने छह करोड़ रुपये की ठगी की। अधिवक्ता सुजीत कुमार को कांके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम ने अमन के माध्यम से तीन करोड़ 40 लाख रुपये व एक आईफोन, कांके के पूर्व अंचलाधिकारी सह धनबाद के डीटीओ दिवाकर द्विवेदी ने एक करोड़ रुपये, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण ने एक करोड़ पांच लाख रुपये दिए थे।
जब जमीन घोटाला में चार्जशीट में सभी आरोपितों के नाम को ईडी ने उजागर कर दिया तो सबने अपने पैसे वापस करने के लिए अधिवक्ता पर दबाव बनाया। इसके बाद अधिवक्ता ने एसबीआई के 54 चेक दिए और साथ में लिखित आश्वासन दिया कि पांच करोड़ 71 लाख रुपये वह चार किश्तों में चुका देगा। अधिवक्ता ने संजीव पांडेय के खाते में पांच लाख रुपये ट्रांसफर किया था। आरोपितों ने अधिवक्ता की स्कार्पियो को भी गिरवी के तौर पर रख लिया था। इतना ही नहीं जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने अपने सहयोगी रवि के माध्यम से अधिवक्ता पर हर वक्त नजर रखता था ।