डेस्कः जमशेदपुर में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर ज्योति हत्याकांड का खुलासा हो गया है। ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने एमजीएम थाना के रूहीडीह में आरोग्यम आयुष्मान मंदिर अस्पताल की इंचार्ज ज्याति कुमारी की हत्या के कारणों का खुलासा किया।
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ज्योति के लिव-इन-पार्टनर डॉक्टर विजय मोहन ही उसका हत्यारा निकला। पुलिस ने डॉक्टर विजय मोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विजय मोहन ने ज्योति की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि ज्योति ने डॉक्टर विजय मोहन की बात नहीं मानी। विजय मोहन ने ज्योति को रील्स बनाने से अक्सर मना करता था। उसे शक था कि रील्स बनाने के दौरान ही उसकी कुछ ऐसे लोगों से दोस्ती हो गई है, जिनसे वह प्यार करती है। इसको लेकर पहले भी उनके बीच मारपीट हो चुकी थी। इसके बावजूद ज्योति विजय मोहन की बात नहीं मानती थी। वह कई लोगों से मोबाइल पर बात भी करती थी, जिससे विजय को शक था कि उसकी किसी और से नजदीकी है। इसी शक में उसने ज्योति की हत्या कर दी।
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घटना की सुबह विजय मोहन ने ज्योति से कहा कि वह बाहर जा रहा है, लेकिन बाहर जाने के बजाय घर में ही छिप गया। वह देखना चाहता था कि ज्योति किन लोगों से बात करती है। इससे पहले उसने ज्योति के भाई प्रेम प्रकाश महतो को बच्चों के साथ बाल कटवाने भेज दिया। इसके बाद अचानक विजय ज्योति के सामने आ गया। उसने देखा कि वह किसी से बात कर रही थी। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और विजय ने गैंती से उसपर वार कर दिया।
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वार करने के बाद उसने खुद ही शोर मचाना शुरू कर दिया। तबतक ज्योति का भाई भी वहां आ गया। दोनों ज्योति को अस्पताल लेकर गए, जहां से उसे रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 23 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। ज्योति के परिजनों का आरोप था कि विजय मोहन ने गोली मारी है, लेकिन जांच में पता चला कि सिर पर जो निशान थे, वे गोली के नहीं थे।
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पुलिस के अनुसार, ज्योति कुमारी के पिता आर्मी में कार्यरत थे और उन्होंने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से एक बेटा था, जबकि दूसरी पत्नी से ज्योति और प्रेम प्रकाश महतो। पिता ने अपनी 65 डिसमिल जमीन में से 30 डिसमिल जमीन ज्योति के नाम की थी। ज्योति के पति भी आर्मी में थे, लेकिन उनका निधन हो चुका था। डॉ. विजय मोहन और ज्योति की मुलाकात स्वास्थ्य विभाग में हुई थी। बाद में दोनों एक-दूसरे के करीब आए और लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे।