रांची : 20 जनवरी को ईडी की पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री आवास के पास भारी मात्रा में सीआरपीएफ जवानों को अचानक आ जाने के बाद रांची जिला प्रशासन की ओर से सीआरपीएफ के खिलाफ दर्ज किये गए एफआईआर को लेकर राज्यपाल और जेएमएम आमने-सामने हो गई है।
गुरूवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सीआरपीएफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का एक्शन गलत है। उन्होने कहा कि सीएम हाउस के पास जेएमएम कार्यकर्ता क्यों हंगामा कर रहे थे, सीआरपीएफ को वहां आने की जरूरत क्यों पड़ी। इस मामले में सरकार और जेएमएम की गलती है।
राज्यपाल के बयान के बाद जेएमएम की ओर से पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तीन पेज का एक पत्र जारी कर राज्यपाल की भूमिका और उनके इरादों पर सवाल उठाएं है। जेएमएम ने 10 प्वाइंट में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के बयान की आलोचना की है। जेएमएम की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 20 तारीख को सीआरपीएफ की तैनाती को लेकर बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जो बयान दिया था उसी शब्द को हिंदी की जगह अंग्रेजी भाषा में राज्यपाल ने कही है। एक राजनीति दल का बयान और संवैधानिक प्रमुख का बयान एक जैसा है। जेएमएम ने आगे राज्यपाल ने ही 19 जनवरी को कहा था कि कोई सीएम हो या पीएम सबके लिए कानून बराबर है, उसी आधार पर सीआरपीएफ पर कार्रवाई की गई है।
जेएमएम की ओर से जारी पत्र में आखिर में कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा दिया गया बयान अनावश्यक और अप्रत्याशित है। माननीय राज्यपाल जी अपनी जो भी व्याकुलताएं है वो सार्वजनिक मंच पर नहीं, प्रक्रियागत व्यक्त करें। नहीं तो समझा जाएगा कि ये बयान राजनैतिक उद्ेश्य से प्रेरित है।