रांची : हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले महागठबंधन विधायक दल के नेता के रूप में चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंपे गए समर्थन पत्र में उन्होने 47 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है।
राज्यपाल को सौंपे गए समर्थन पत्र में चंपई सोरेन ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल का मुझे नेता चुना गया, उसके बाद गठबंधन दलों ने मुझे संयुक्त रूप से गठबंधन विधायक दल का नेता चुना गयां। 47 विधायकों का मुझे समर्थन है, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। राज्यपाल मेरे दावे को स्वीकार कर सरकार गठन करने के लिए मुझे मुख्यमंत्री नियुक्त करने की कार्रवाई करें।
इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की चर्चा तेज हो गई है। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा है कि राज्य में अल्पकालि राष्ट्रपति शासन ही विकल्प है। वही कानूनविद और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता शिशिर राज ने कहा कि मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर केयरटेकर के रूप में किसी को काम करने की जिम्मेदारी न देने से झारखंड में कोई सरकार नहीं दिखती। संवैधानिक व्यवस्था के तहत उन्हे तत्काल कदम उठाना चाहिए। राज्यपाल के इस कदम से राज्य में सस्पेंस की स्थिति बन गई है।
दूसरी तरहफ महागठबंधन के नेताओं को कहना है कि राज्य सीएम विहीन नहीं रह सकता, इसलिए नये मुख्यमंत्री को राज्यपाल शपथ दिलाएं। राज्यपाल के अबतक कोई निर्णय नहीं लेने से संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक संकट पैदा करना चाहते है।