रांची : कोडरमा के प्रतिष्ठित व्यवसायी अरूण मिश्रा को कैंसर से लड़ने की प्रेरणा उनकी कविताओं और लेखन से मिली। रांची प्रेस क्लब में उनके कविता संग्रह का लोकार्पण पदमश्री बलबीर दत्त के हाथों की गया। इस उपलक्ष्य पर कई प्रतिष्ठित लेखक और कवि भी मौजूद थे।
आप बीमारियों और परेशानियों पर कैसे विजय प्राप्त कर सकते है उसकी मिसाल बने अरूण मिश्रा ने कविता संग्रह के लोकार्पण के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होने कैंसर से लड़ते हुए अपनी एक पुस्तक पहले भी पाठकों के नाम किया जिसका नाम थैकक्यू कैंसर है, इस दौरान उन्होने अपने जीवन में आये बदलावों और जीवन को बेहतर बनाने और समझने को लेकर अपनी भावनाएं किताब के माध्यम से जाहिर किया था। अब उन्होने एक अपनी कविता संग्रह तुम को पाठकों के नाम कर दिया है। तुम मतलब, उनके आसपास और करीब रहे उनकी पत्नी, बच्चे, भाई , मि़त्र सबको लेकर भावनाओं को कविता के माध्यम से बताया है। उन्होने कहा कि मुझे एडवांस स्टेज का कैंसर डॉक्टर ने बताया था यानि की आप जाईये! इससे पहले परिवार के तीन सदस्य मेरे पिता जी, दो बहने कैंसर से लड़ते हुए इस दुनियां से चले गए थे, लेकिन मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगा कि अब बहुत हो चुका, अब हारेंगे नहीं जीतेंगे। कैंसर की आदत कुत्ते की तरह होती है वो भूकेगा, डराएंगा अगर दौड़ियेगा तो काटेगा भी, लेकिन अगर आपने पत्थर उठाकर मारा तो भाग जाएगा, ठीक वैसे ही कैंसर है उससे अगर डटकर लड़ेंगे मजबूत होकर लड़ेंगे तो जीतेंगे, हमने भी यही किया।
पुस्तक का लोकार्पण करने वाले पद्मश्री बलबीर दत्त ने कहा कि अरूण मिश्रा जैसे लोग समाज के लिए मिसाल है, उन्होने कैंसर पर विजय प्राप्त किया हर किसी के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है। बलबीर दत्त वैसे तो परिचय के मोहताज नहीं है वो झारखंड के पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह है। वे 1963 में शुरू हुए रांची एक्सप्रेस के संस्थापक संपादक थे। साप्ताहिक पत्र जय मातृभूमि के प्रबंध संपादक और दैनिक देश प्राण के संस्थापक संपादक भी रह चूके है। अंग्र्रेजी साप्ताहिक न्यू रिपब्लिक के स्तंभकार, दैनिक मदरलैंड के छोटानागपुर संवाददाता, आर्थिक दैनिक फाइनेंशियल एक्सप्रेस के बिहार न्यूजलेट के स्तंभ लेखक रहे। अबतक उनकी 9500 से अधिक संपादकीय लेखों , निबंधों और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है।
बलबीर दत्त साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्य, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के सदस्य है। रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंपर्क विभाग में इन्होने करीब 26 वर्षो तक स्थाई सलाहकार और अतिथि व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएं दी है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार और झारखंड सरकार द्वारा लाइफ टाइम एजीवमेंट अवार्ड जैसे कई सम्मानों की इन्होने शोभा बढ़ाई है। बलबीर दत्त के अलावा राज्य के कई प्रतिष्ठित लेखक, स्तंभकार और कवि भी इस लोकार्पण कार्यक्रम में मौजूद थे।