रांचीः बीजेपी के जमुआ के मौजूदा विधायक केदार हाजरा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है और जेएमएम का दामन थाम लिया । आजसू से इस्तीफा देने के बाद चंदनकियारी के पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने भी जेएमएएम ज्वाइन कर लिया है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम आवास के बाहर दोनों को सदस्यता दिलाई
पार्टी के वरीय नेता उमाकांत रजक और भाजपा नेता केदार हाजरा ने सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दामन थाम लिया है। उमाकांत के पार्टी छोड़ने के पीछे चंदनक्यारी की सीट आजसू के खाते में नहीं आना बताया जा रहा है।
इधर, भाजपा को केदार हाजरा के रूप में झटका लगने जा रहा है। जमुआ सीट से तीन बार विधायक रहे केदार हाजरा अब पाला बदलने जा रहे हैं। वह झामुमो में शामिल होने वाले है। वह मुख्यमंत्री आवास पहुंच गये हैं। हाल ही में कांग्रेस नेत्री मंजू कुमारी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा इस बार जमुआ से मंजू कुमारी को उम्मीदवार बना सकती है। इसलिए केदार हाजरा ने झामुमो में शामिल होने का निर्णय लिया है। केदार हाजरा ने साल 2019 के चुनाव में मंजू कुमारी को 18 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
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आजसू पार्टी के उमाकांत रजक चंदनक्यारी से चुनाव लड़ते हैं। वहां से विधायक बनने के बाद मंत्री भी बने थे। लेकिन एनडीए के साथ आजसू के गठबंधन में उक्त सीट भाजपा के खाते में रहती है। आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स) पार्टी केंद्रीय उपाध्यक्ष उमाकांत रकक ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है।
पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने आजसू पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पत्र के जरिये केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो को अपना इस्तीफा सौंपा है। जिसमें पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए सभी पदों से मुक्त किया जाए। लाइव दैनिक से बातचीत में उमाकांत रजक बताया कि वह शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सदस्यता ग्रहण कर लिया। झामुमो के टिकट पर चंदनक्यारी से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
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उमाकांत रजक चंदनक्यारी से विधायक रहे हैं और सरकार में मंत्री भी रहे हैं। आजसू का एनडीए से गठबंधन है। पार्टी के बार-बार प्रयास किये जाने के बाद भी चंदनक्यारी सीट आजसू के खाते में नहीं आयी। यह भाजपा की सीटिंग सीट मानी जाती है और यहां से भाजपा के अमर कुमार बावरी विधायक हैं।
अमर बाउरी फिलहाल नेता प्रतिपक्ष हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यह सीट छोड़ना संभव नहीं है। एनडीए के साथ आजसू गठबंधन की सीटें भी लगभग फाइनल हो गई हैं। ऐसे में यह तय हो चुका है कि चंदनक्यारी सीट आजसू के खाते में नहीं आएगी। इसलिए उमाकांत रजक ने केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है।
चुनाव से पहले सभी पार्टियों में भगदड़ की स्थिति होने वाली है। जैसे पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी, पार्टी की टिकट चाहने वाले विद्रोह के मूड में आएंगे। इसके बाद उनकी ओर से विकल्प तलाशा जाएगा। लेकिन सभी पार्टियों ने इस डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए बड़े नेताओं को पार्टियों से नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी तय कर दी है।