रांची: 5 दिसंबर को हेमंत सोरेन की कैबिनेट का विस्तार होना है। इसमें कांग्रेस पार्टी की ओर से चार विधायक मंत्री बनेंगे। कांग्रेस की ओर से कौन मंत्री बनेगा और कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन होगा उसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने मीडिया में बना दिया है।
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राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात कर लौटे केशव महतो कमलेश ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 16 विधायकों की लिस्ट सौंप दी गई है। इस लिस्ट में हर विधायक की खासियत लिखी गई है कि उनको मंत्री बनाने से क्या क्या समीकरण सधेंगे। उनके क्षेत्रीय और जातीय समीकरण की भी चर्चा की गई है। इन 16 विधायकों में से चार को मंत्री बनाया जाएगा, इसके साथ ही कांग्रेस विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा जो अलग से होगा।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने जो बयान दिये उससे ये बात साफ हो गई है कि कांग्रेस ने जिस तरह का प्रयोग बिहार में 17 महीने की सरकार के दौरान किया था उसी तरह का प्रयोग झारखंड में करने जा रही है। बिहार में 2020 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस विधायक दल का नेता भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा को बनाया गया था लेकिन उन्हे मंत्री नहीं बनाया गया था। अब झारखंड में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा, जो विधायक दल के नेता होंगे उन्हे मंत्री नहीं बनाया जाएगा। जो चार मंत्री बनेंगे उसमें जातीय समीकरण को ध्यान रखा जाएगा।
झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा, “कल झारखंड मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, फिर 9 तारीख को विधानसभा का सत्र बुलाया गया है… नामों की घोषणा राजभवन करेगा, यह परमाधिकार राजभवन का है… कल 12 बजे आप सबको देखेंगे… हम नाम मुख्यमंत्री को भेजेंगे, वे उसे राजभवन को भेजेंगे और कल 12 बजे तक मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा।”
#WATCH रांची: कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा, "कल झारखंड मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, फिर 9 तारीख को विधानसभा का सत्र बुलाया गया है... नामों की घोषणा राजभवन करेगा, यह परमाधिकार राजभवन का है... कल 12 बजे आप सबको देखेंगे... हम नाम मुख्यमंत्री को भेजेंगे, वे उसे राजभवन को… pic.twitter.com/3SuZIGVNo8
— Live Dainik (@Live_Dainik) December 4, 2024
झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राजेश ठाकुर ने झारखंड मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा, "यह शुरु से परंपरा रही है कि हमारा केंद्रीय नेतृत्व नाम को तय करके मुख्यमंत्री के पास भेजती है और उसके बाद मुख्यमंत्री राज्यपाल को(नाम) भेजते हैं, फिर शपथ ग्रहण समारोह होता है। शपथ ग्रहण की तिथि तय है...