पटना : इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के राजनीतिक गलियारे से आ रही है, जहां 12 फरवरी को होने वाले फ्लार टेस्ट से पहले सियासी दावपेंच और रणनीति को लेकर रस्साकस्सी चल रही है। इसी खींचतान के बीच लालू यादव के दूत बनकर माले विधायक महबूब आलम ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की।
अपने बेटे संतोष मंत्री को मनपसंद विभाग नहीं दिये जाने से नाराज चल रहे जीतन राम मांझी से माले विधायक महबूब आलम की मुलाकात से बिहार में नये राजनीतिक कयास लगाये जा रहे है। मांझी के मुलाकात के बाद माले विधायक ने कहा कि ये एक अनौपचारिक मुलाकात है। मांझी जी हमसबके अभिभावक है। उनके स्वास्थ्य का हाल जानने हम लोग आये थे। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए महबूब आलम ने कहा कि “मांझी जी का स्वास्थ्य अच्छा है, तंदरूस्त है, अच्छा खेल दिखाएंगे, मांझी जी अभी भी क्या समझे?”
बिहार में क्या फिर खेला होगा इस सवाल के जवाब में माले विधायक ने कहा कि मांझी जी गरीबों का सवाल उठाते रहे है, हम आग्रह करने आये थे, गरीबों का सवाल उठाईये। उनकी थोड़ी सी बीमारी थी, वो रिकवर कर रहे है। हम लोग सियासी उठापटक में नहीं है। लंबे समय से हमारी मुलाकात नहीं हुई थी, हम लोग उनसे मिलने आये थे, उनके स्वास्थ्य का हाल जानने आये थे। माना जा रहा है कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का संदेश लेकर माले के विधायक ने मांझी से मुलाकात की थी। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद मांझी अपने बेटे को महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिये जाने से नाराज चल रहे थे,उन्होने ये नाराजगी कई बार बताई भी। उन्होने सरकार में अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री का पद मांगा था, लेकिन एक ही मिला। मांझी की पार्टी के अंदर में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हम पार्टी की विधायक और ज्योति मांझी ने शुक्रवार को अपने भाई और जेडीयू विधायक रत्नेश सदा का विभाग छीनकर संतोष मांझी को दिये जाने पर आपत्ति जाहिर की थी। ज्योति मांझी ने कहा था कि संतोष मांझी को मंत्री बनाये जाने से उनको दिक्कत नहीं है, लेकिन उनके भाई का मंत्री पद क्यों छीन लिया गया।