रांचीः चिलखारी कांड का जख्म आज तक हरे हैं । बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप की हत्या का आरोपी अरविंद यादव आखिरकार मारा गया । 26 अक्टूबर 2007 की तारीख थी जब गिरिडीह के चिलखारी गांव में आधी रात को नक्सलियों ने 20 लोगों को मौत की नींद सुला दिया । झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी को भी नक्सलियों ने मार डाला । बताया जा रहा है कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंट अरविंद यादव ही था जिसे बोकारो के लुगु पहाड़ी में हुए एनकाउंटर में ढेर किया गया ।
पढ़ा-लिखा और रणनीतिकार था अरविंद
पुलिस की खूफिया रिपोर्ट ये बताते हैं कि अरविंद इतने वर्षों तक इसलिए गिरफ्तार नहीं हो सका क्योंकि वो बेहद ही शातीर और पढ़ा लिखा था । संगठन में उसकी पहचान बेहतरीन साजिशकर्ता के तौर पर थी । बातचीत करने और लोगों को संगठन से जोड़ने की कला मेें माहिर था । बताया जा रहा है कि अरविंद यादव का सोनो प्रखंड के मोहनपुर गाँव में उसका बड़ा मकान है जिसमें उसेक मां-बाप रहते हैं । इसके मकान पर ईडी की भी दबिश हो चुकी है । अरविंद यादव का एक घर पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भी है। करीब चार साल पहले पुलिस ने आसनसोल स्थित उसके घर पर दबिश दी थी, लेकिन वह अपनी पत्नी के साथ समय रहते वहां से फरार हो गया था। नक्सली संगठन के लिए वह एक ‘थिंक टैंक’ की तरह कार्य करता था, जबकि पुलिस और स्थानीय नागरिकों के लिए वह भय और आतंक का पर्याय बन चुका था।
कैसे बना गया माओवादी
अरविंद यादव ने जमुई, मुंगेर और लखीसराय जिलों में लंबे समय तक नक्सली गतिविधियों को संचालित किया। वह चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत लालीलेबार पंचायत के भेलवा मोहनपुर गाँव का निवासी है। संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी, और इसके चलते वह झारखंड व सीमावर्ती इलाकों में लगातार सक्रिय रहता था।2000-2001 के दौरान उसने नक्सली संगठन का दामन थामा था। बताया जाता है कि जमीन विवाद की वजह से उसने नक्सली बनने का फैसला किया ।
चिलखारी कांड की कहानी
जमुई में सोनो चौक कांड का भी गुनहगार
अरविंद यादव उर्फ अविनाश, उर्फ अशोक यादव, उर्फ नेताजी वर्ष 2009 में सोनो चौक पर हुए चर्चित पुलिसकर्मी हत्याकांड में नामजद आरोपी था। इस दिल दहला देने वाली घटना में नक्सलियों ने एएसआई कमालुद्दीन खान समेत सैप के चार जवानों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके अलावा, बलथर पुल निर्माण के दौरान मजदूरों के अपहरण की साजिश में भी उसकी संलिप्तता पाई गई थी।
सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर गांव निवासी अरविंद यादव ने करीब दो दशक पहले एक जमीन विवाद के बाद नक्सली संगठन से नाता जोड़ लिया था। इसके बाद वह लगातार माओवादी गतिविधियों में सक्रिय रहा और संगठन में ऊंचा पद हासिल कर लिया। माओवादी राज्य समिति में वरिष्ठ पद पर रहते हुए वह बिहार-झारखंड क्षेत्र का प्रवक्ता भी था।