दिल्ली: एनसीईआरटी ने 12वीं के राजनीतिक विज्ञान की किताब में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये है। इस किताब में अयोध्या मामले को लेकर कई बदलाव किये गए है। किताब के अंदर बाबरी मस्जिद का नाम हटाकर उसे तीन गुंबद वाला ढांसा कर दिया गया है। साथ ही अयोध्या मामले को लेकर चार पेज में पढ़ाये जाने वाले अध्याय को दो पेज में कर दिया गया है।
NCERT 12वीं राजनीतिक विज्ञान की किताब में ‘भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है’ से संदर्भ बदलकर ‘इसमें श्री राम के जन्म स्थान, सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक और इसके कानूनी स्वामित्व के बारे में विवाद शामिल थे’ कर दिया गया है। यह पहली बार है कि अयोध्या राम जन्मभूमि का संदर्भ लाया गया है क्योंकि ‘भगवान राम’ को बदलकर ‘श्री राम’ कर दिया गया है। यह 2014 के बाद से एनसीईआरटी पुस्तक का चौथा संशोधन है, जो नवीनतम राजनीतिक विकास के आधार पर अपडेट को दर्शाता है। नई किताब 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य शैक्षिक सामग्री को समकालीन राजनीतिक घटनाओं के साथ जोड़ना है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या विवाद की जानकारी बताने वाले पुराने वर्जन भी हटा दिए गए हैं। इसमें गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक बीजेपी की रथयात्रा; कारसेवकों की भूमिका; 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा; बीजेपी शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन; और बीजेपी का अयोध्या में होने वाली घटनाओं पर खेद जताना शामिल है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार राजनीति विज्ञान की किताब में कौन से प्रमुख बदलाव हुए हैं।
NCERT की नई किताब में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र है, जिसमें विवादित जमीन हिंदू पक्ष को देनी की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि किसी भी समाज में संघर्ष होना तय है लेकिन एक बहु- धार्मिक और बहुसांस्कृतिक लोकतांत्रिक समाज में ऐसे संघर्षो को कानून की उचित प्रक्रिया के बाद हल किया जाता है। इसके बाद किताब में अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के 5-0 के फैसले का जिक्र किया गया है।
पुरानी किताब में बाबरी विध्वंस से लेकर उसकी बाद की घटनाओं से जुड़े अखबारों में छपे लेख की तस्वीरें इस चैप्टर में थी,लेकिन नई किताब में उन सभी तस्वीरों को हटा दिया गया है। पुरानी किताब में 7 दिसंबर 1992 को छपा एक लेख भी शामिल था, जिसका शीर्षक था बाबरी मस्जिद ढहाई गई, केंद्र के कल्याण सरकार को बर्खास्त किया गया। उसे नई किताब से हटा दिया गया है।