Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को प्रतिद्वंद्वी दलों या उनके नेता और कार्यकर्ताओं के निजी जीवन पर टिप्पणी करने से बचने की हिदायत दी है। खासकर निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना से बचने को कहा, जो उनकी सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित न हो।
चुनाव की घोषणा के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। प्रदेश में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी और 14 नवंबर को काउंटिंग की जाएगी। 16 नवंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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चुनाव आयोग ने प्रतिद्वंद्वी दलों और उम्मीदवारों पर निशाना साधने वाले सिंथेटिक या कृत्रिम वीडियो के लिए एआई का उपयोग करने में आचार संहिता और उससे संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी आचार संहिता लागू होंगी। बिना सत्यापन तोड़-मरोड़कर पेश किए गए तथ्यों के आधार पर आलोचना से बचने की भी सलाह दी है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनावी माहौल दूषित नहीं होने देने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन दिशा-निर्देशों के किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाएगा। हर हाल में फ्री एंड फेयर पोल कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
दरअसल इन दिनों चुनावी मौसम में विरोधियों पर पर्सनल अटैक करने में कई बार मर्यादाओं की सीमा का उल्लंघन कर दिया जाता है। खासकर एआई वीडियो या फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर उन्हें वायरल किया जाता है। इससे माहौल खराब होता है जो बाद हिंसा और प्रतिहिंसा तक चला जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए निर्वाचन आयोग ने यह कदम उठाया है। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी मां के एक वीडियो पर जोरदार सियासी बवाल हुआ था।
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