गिरिडीहः विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी होली जुलूस के दौरान घोड़थम्भा में हुई हिंसा को लेकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा। रविवार को रघुवर दास के दौरे के बाद बाबूलाल मरांडी पार्टी नेताओं के साथ धोड़थम्भा पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से सुनियोजित थी. घटना को अंजाम देने से पहले पूरी तरह से तैयारी की गई थी. होली के जुलूस पर हमला करने के लिए घरों की छतों पर पत्थर व पेट्रोल बम रखे गए थे।
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बाबूलाल मरांडी ने दौरा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रत्येक पूजा में उस रास्ते से जुलूस निकलता ही है लेकिन कभी भी इस तरह से घटनाएं नहीं हुई। अभी देख और सुनकर ऐसा लग रहा है कि मानों पुलिस ने पहले से ही तय कर रखा था कि यहां पर झंझट हो यहां पर दंगा हो, मामला और आगे बढ़े। होली के दिन हिंदू समाज कोई पत्थर और डंडा लेकर घुमते नहीं है बल्कि हाथ में अबीर होते है या रंग होते है। इसमें घोड़थम्भा के जो ओपी प्रभारी है वहां बैठकर के गाड़ी को लगाकर के रखना यानि जानबूझकर झगड़ा को उकसवा देने का काम करते है। इसके बाद फिर पत्थर चला, बोतल चला, पेट्रोल बम चला और कई दुकानों को भी आग लगा दिया और पुलिस मुकदर्शन बनी रहीं। ये कहा जा सकता है कि जब चारों तरफ से हिंदू समाज को खबर हुआ तो वे इकट्ठा होने लगे। जिन लोगों पर पेट्रोल बम चला, जिन लोगों पर चला, जिन लोगों के दुकानों को जलाया गया, जिन लोगों का सामान लूटा गया उल्टे उन्ही लोगों डंडा भी बरसाया गया। कई लोग जो इस घटना के समय वहां मौजूद नहीं थे उनका नाम दे करके रात के ढ़ाई-तीन बजे उनके घर में जाकर मां-बहनों को गाली देना, लोगों को धक्के देना और पकड़ पकड़ के उनको जेल में डालना, इसमें पता चला कि इसमें से एक व्यक्ति जो हरियाणा से आकर के यहां एक शादी में पंडी जी बनकर आये थे उनको भी पकड़कर पुलिस ले गई है। ये जानकर पुलिस ये उकसावा कर रही है।
गिरिडीह के घोड़थम्भा हिंसा पर बोले बाबूलाल मरांडी
घोड़थंबा ओपी प्रभारी ने उकसावा देने का किया काम
सही कार्रवाई होती तो मुसलमान को गुंडागर्दी करने की हिम्मत नहीं होती
जिनको रंग-अबीर से दिक्कत है उन्हे घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए@yourBabulal @babulalmarandi @BJP4Jharkhand… pic.twitter.com/HRYb3RnWll
— Live Dainik (@Live_Dainik) March 17, 2025
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बाबूलाल ने आगे कहा कि मै सरकार से मांग करता हूं कि जो भी निर्दोष है उन्हे अविलंब सरकार रिहा करें। इसके साथ ही जितने भी लोगों की दुकानें जली है, बर्बाद हुआ है सरकार उन्हे मुआवजा दे। धोड़थम्भा के जो ओपी इंचार्ज है, सीओ है इन्हे यहां से हटाना चाहिए। अगर इन्हे यहां से नहीं हटाते है तो ये आंदोलन शांत नहीं होगा। ये आंदोलन सिर्फ घोड़थम्भा नहीं, पूरे गिरिडीह जिला में आंदोलन होगा और जरूरत पड़ेगी तो पूरे झारखंड में आंदोलन होगा। आखिर किस प्रकार से लोग अत्याचार सहते रहेंगे। लोग जुलूस निकालते है, जुलूस मंें क्या है, रंग है अबीर है, अगर किसी को रंग और अबीर से परेशानी होती है तो उन्हे घर में बंद रहना चाहिए, उनको बाहर निकलना ही नहीं चाहिए, और जिनको रंग से परहेज है उनको खून खराबा से भी परहेज रहना चाहिए। ये कैसी स्थिति है ये हम सबको विचार करना चाहिए। अगर जरूरत पड़ेगा तो हम इसी धनवार में इसी धोड़थम्भा में आकर धरना पर बैठेंगे। लोगों को न्याय मिलना चाहिए और पुलिस जो लोगों को तंग कर रही है उसे तुरंत बंद करना चाहिए। यहां पुलिस रात में आएंगे, लोगों को सोने नहीं देंगे। सीसीटीवी फुटेज देखकर जो लोग पत्थर फेंक रहे थे उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। जो पेट्रोल बम चला रहे थे उनपर कार्रवाई करिये। जांच होनी चाहिए कि किन-किन लोगों के घर में कितने पत्थर इकट्ठा है, तब तो ये माना जाएगा कि सरकार निष्पक्ष होकर के मामला को शांत करना चाहिए। ये कमजोरी नहीं समझे प्रशासन। जिन लोगों के हाथ में रंग-अबीर था उनको पुलिस गिरफ्तार कर रही है जिन लोगों ने पत्थर चलाये, जिन लोगों ने बोतल चलाया, जिन लोगों ने पेट्रोल बम फेंका कार्रवाई तो उनपर होनी चाहिए। विकास साहू को समेत जो लोग होली खेल रहे थे उन लोगों को पुलिस ने पकड़ा। मां-बहनों ने बताया कि जो सो रहे थे, बीमार थे उनको तौलिया में पकड़कर पुलिस गिरफ्तार करती है। बाकि जो मुसलमान है उनकी गुंडागर्दी की इतनी हिम्मत नहीं होती कि हमला करने की। एफआईआर को हमने देखा ऐसा लगा कि कोई हिंदू ही कोई आक्रमण करने जा रहे थे मस्जिद में, ऐसा किसी प्रकार की कोई स्थिति नहीं थी।