कोडरमाः निलंबित पुलिस चालक मंसूर आलम की आत्महत्या के मामले ने पुलिस विभाग में खलबली मचा दी है। मृतक ने मरने से पहले एक वीडियो जारी कर कुछ पुलिस अधिकारियों पर झूठा फंसाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 1 सितंबर को निलंबित पुलिस जवान मंसूर द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में मृतक की पत्नी जैनव बीबी के द्वारा लिखित शिकायत के आधार पर चंदवारा थाना में जयनगर थाना प्रभारी बबलू सिंह, डोमचांच थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव, जयनगर थाना में पदस्थापित ASI अरविंद हांसदा तथा सपही पिकेट प्रभारी रमेश मरांडी पर मामला दर्ज किया गया हैं। इनलोगों पर निलंबित सिपाही मंसूर आलम को आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने को लेकर मामला दर्ज किया गया हैं।
बता दें कि आत्महत्या के पूर्व मृतक सिपाही मंसूर आलम ने एक वीडियो जारी कर जयनगर थाना प्रभारी बबलू सिंह, डोमचांच थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव सहित जयनगर थाना में पदस्थापित ASI अरविंद हांसदा तथा सपही पिकेट प्रभारी रमेश मरांडी पर गलत आरोपों के तहत उन्हें निलंबित करवाए जाने का आरोप लगाया था। इधर मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति का वेतन बंद हैं जबकि निलंबन के दौरान उन्हें आधी वेतन मिलनी चाहिए थे।इधर अपने निलंबन और वेतन नहीं मिलने से सिपाही मंसूर आलम तनाव में था जिसकारण उसने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। इधर घटना के बाद पुलिस मेंस एसोसिएशन हरकत में आई और एसपी अनुदीप सिंह से मिलकर मामले की गंभीरतापूर्वक जांच की मांग की। इधर मृतक सिपाही की पत्नी द्वारा चंदवारा थाना में आवेदन देकर दोषी थाना प्रभारी व पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसके आलोक में चंदवारा थाना में उन चारों पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। मामले में पूछे जाने पर मुख्यालय डीएसपी रतिभान सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी के आवेदन पर उक्त पुलिस कर्मियों के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उतप्रेरित करने को लेकर मामला दर्ज किया गया हैं और आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
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पुलिसिया कार्रवाई से मेन्स एसोसिएशन नाराज
इधर कोडरमा पुलिस के इस कार्रवाई पर झारखंड पुलिस मेन्स एसोसिएशन ने नाराजगी हैं और इसे महज खाना पूर्ति बताया है। झारखंड पुलिस मेन्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष रहमान खान ने कहा कि जिस वक्त दिवंगत मंसूर आलम को पुलिस लाइन चंदवारा में एसपी अनुदीप सिंह व जिले के अन्य पदाधिकारियों द्वारा श्रद्धांजलि दी जा रही थी। उस वक्त वे खुद पुलिस कप्तान से मिलकर उक्त मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की मांग किए थे। उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाना और केवल मामला दर्ज कर देना एक प्रकार से मृतक के परिवार वालों के साथ छलावा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द उन थाना प्रभारियों व पुलिस कर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता हैं तो एसोसिएशन डीजीपी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।





