झारखंड के गढ़वा जिले में स्कूल में चप्पल पहनकर आने पर प्रभारी प्राचार्य ने 12वीं कक्षा की जिस छात्रा को थप्पड़ मारा था, करीब महीने भर चले इलाज के बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि यह घटना 15 सितंबर को उस वक्त हुई थी, जब दिव्या कुमारी जूते पहनने की बजाय चप्पल पहनकर स्कूल आ गई थी। जिसके बाद स्कूल ड्रेस कोड के उल्लंघन को लेकर उस दिन स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्या द्रौपदी मिंज ने ना केवल उसे डांटा था, बल्कि उसे थप्पड़ भी मारा था।
छात्रा को सजा इसलिए दी गई थी, क्योंकि चप्पल पहनना स्कूल के ड्रेस कोड के विरुद्ध था। पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हालांकि शुरुआत में छात्रा ठीक दिख रही थी, लेकिन बाद में वह डिप्रेशन (अवसाद) में चली गई। डाल्टनगंज के एक अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद, उसे रांची के रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
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पुलिस ने आगे बताया कि मृतक लड़की के माता-पिता ने इस संबंध में बरगढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही उसकी मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर टिहरी भंडारिया चौक पर मुख्य सड़क पर उसका शव रखकर जाम लगा दिया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की। जाम के कारण सड़क यातायात तीन घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा।
प्रदर्शनकारियों ने दिव्या की मौत के लिए प्रभारी प्राचार्या द्रौपदी मिंज द्वारा दी गई मानसिक प्रताड़ना को जिम्मेदार ठहराया, और इसके लिए मिंज की गिरफ्तारी की मांग भी की। लोगों के विरोध और सड़क पर लगाए जाम को देखते हुए मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया और जाम हटाने के लिए समझाया। हालांकि आरोपी प्रधानाचार्य मिंज ने इस मामले पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
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