डेस्कः इजरायल और ईरान युद्ध के बीच अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम बरसाए और दावा किया कि उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया। यह भी कहा कि ईरान फिलहाल परमाणु परीक्षण कर पाने की स्थित में नहीं रहा। इस सबके बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हाल ही में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद लगभग 400 किलोग्राम उच्च संवर्धित यूरेनियम लापता है। यह यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित था और इसे 10 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।
वेंस ने कहा कि ये यूरेनियम भंडार ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों में संग्रहित था, लेकिन अमेरिकी हमलों से पहले ही इसे दूसरी जगहों पर ले जाया गया। उन्होंने दावा किया कि फोर्दो परमाणु फैसिलिटी को इस मिशन में गंभीर क्षति पहुंची है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सटीक स्थिति की जानकारी नहीं है।
फोर्दो को निशाना बनाना मुख्य उद्देश्य
वेंस ने कहा, “इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य फोर्दो परमाणु फैसिलिटी को नष्ट करना था और हमें पूरा विश्वास है कि हमने इस लक्ष्य को काफी हद तक प्राप्त किया है।” साथ ही उन्होंने यह भी पुष्टि की कि आने वाले हफ्तों में ईरान के साथ लापता यूरेनियम को लेकर बातचीत की जाएगी।
इजरायल की खुफिया रिपोर्ट
इजरायली खुफिया एजेंसियों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि ईरान ने हमलों से पहले ही यूरेनियम और संबंधित उपकरणों को एक गुप्त स्थान पर पहुंचा दिया था। सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्दो स्थल के बाहर 16 ट्रकों का काफिला देखा गया था। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर इजरायल ने अमेरिका से कार्रवाई की मांग की थी।
इसके बाद अमेरिका ने B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स द्वारा ‘बंकर बस्टर’ GBU-37 बमों के साथ “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” को अंजाम दिया, जिसमें फोर्दो, नतांज और इस्फहान स्थलों को निशाना बनाया गया। लेकिन बमबारी के बाद ट्रकों का कोई पता नहीं चला।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफाएल ग्रोसी ने कहा कि एजेंसी ने हमलों से एक सप्ताह पहले इन स्थलों का निरीक्षण किया था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए निरीक्षण तुरंत बहाल किया जाए। उन्होंने कहा, “यह कार्य अत्यंत आवश्यक है और इसमें देरी नहीं होनी चाहिए।”
क्या ईरान परमाणु हथियार बना रहा है?
ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, जबकि इजरायल का कहना है कि ईरान हथियार बनाने के करीब पहुंच चुका है। अमेरिका में इस पर मतभेद रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान तीन साल दूर था, लेकिन अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने हाल ही में कहा कि ईरान कुछ हफ्तों में हथियार बना सकता है। यह बयान ट्रंप द्वारा उनके पूर्वानुमान को गलत कहने के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ऑपरेशन को निर्णायक रूप से पूरा सफल बताया है। उन्होंने कहा, “ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।”
इधर, हमलों के बाद ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की धमकी दी। उप विदेश मंत्री तख्त रवांची ने कहा, “कोई हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या करना चाहिए।”
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