लोहरदगा : लोहरदगा के लोगों के लिए अच्छी खबर है। हटिया रेलवे स्टेशन से अब लोहरदगा रेलवे स्टेशन सीधे तौर पर जुड़ पाएगा। इसके बाद हटिया से खुलने वाली कई ट्रेनों का परिचालन लोहरदगा के रास्ते होगा। इसके लिए रेलवे को स्वीकृति मिल चुकी है। लोहरदगा-रांची रेल लाइन में रांची के पिस्का रेलवे स्टेशन से हटिया रेलवे स्टेशन के लिए बाईपास लाइन का काम साल 2024 में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावे रांची-लोहरदगा-टोरी रेल लाइन के दोहरीकरण को लेकर रेलवे को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही इस पर भी काम शुरू होगा। उपरोक्त बातें मंगलवार को लोहरदगा में दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा लोहरदगा में कही। जीएम रांची-लोहरदगा-टोरी लाइन के निरीक्षण के क्रम में लोहरदगा पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि रांची-लोहरदगा-टोरी रेल लाइन में सबसे प्रमुख योजना के रूप में यदि बात की जाए तो हटिया स्टेशन को लोहरदगा रेलवे स्टेशन से जोड़ने की योजना है। इसके लिए रांची के पिस्का रेलवे स्टेशन से हटिया तक बाईपास रेल लाइन का काम शुरू हो रहा है। दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा ने मंगलवार को रांची-लोहरदगा रेल लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान लोहरदगा रेलवे स्टेशन में विभिन्न योजनाओं की जांच की। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रांची के पिस्का से हटिया स्टेशन को जोड़ने का काम साल 2024 में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद हटिया से पिस्का-लोहरदगा होते हुए टोरी को जोड़ा जा रहा है। इस योजना के पूरा होने से कई नई रेल योजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि साल 2024 में इस लाइन पर कई रेल गाड़ियों का परिचालन प्रारंभ होगा। साथ ही रांची से लोहरदगा के बीच विभिन्न रेलवे स्टेशनों में यात्री सुविधाओं का विकास किया जाएगा। फुट ओवर ब्रिज, पेयजल की सुविधा, प्रकाश की उचित व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं को लेकर भी काम चल रहा है। लोहरदगा रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के उपरांत जीएम ने कहा कि लोहरदगा रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर को प्रथम तल्ला में शिफ्ट किया जाएगा। दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा के लोहरदगा पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। जिसमें वंदे मातरम भारत एक्सप्रेस का लोहरदगा के रास्ते परिचालन प्रारंभ करने की मांग प्रमुख रूप से रही। दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक के स्टेशन के निरीक्षण को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। जीएम के निरीक्षण के क्रम में उनके साथ पीसीई, पीसीओएम, पीसीसीएम, पीसीएससी, सीआरएसई आदि मौजूद थे।