रांची : हजारीबाग लोकसभा सीट का चुनाव इस बार बहुत रोचक होने वाला है। इस सीट पर अबतक यशवंत सिन्हा के परिवार का कब्जा रहा है। यशवंत सिन्हा के बाद उनके बेटे जयंत सिन्हा पिछले दो बार से इस सीट से सांसद है। 2024 में हो रहे लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट का दिया, हालांकि टिकट कटने की जानकारी मिलने के बाद जयंत सिन्हा ने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया। बीजेपी ने इस बार हजारीबाग सदर से विधायक मनीष जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। वही कांग्रेस ने मांडू से बीजेपी विधायक जेपी पटेल को चुनाव मैदान में उतारकर महतो वोट बैंक में सेंध कर बीजेपी की राह को मुश्किल करने की चाल चल दी है।
हजारीबाग की राजनीति के भीष्म पितामह माने जाने वाले यशवंत सिन्हा इस राजनीतिक लड़ाई की दशा और दिशा बदलने की हैसियत रखते है। कांग्रेस ने पहले उनके मन को टटोलने के लिए अपने नेताओं को यशवंत सिन्हा को भेजा लेकिन उन्होने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। लेकिन बेटे के टिकट कटने से दुखी यशवंत सिन्हा बीजेपी और जीत के बीच दीवार बनकर खड़े है।
होली के मौके पर कांग्रेस उम्मीदवार जेपी पटेल ने यशवंत सिन्हा से ऋषभ वाटिका स्थित आवास पर जाकर मुलाकात की और जीत का आर्शीवाद लिया। लोकसभा चुनाव को लेकर जेपी पटेल ने यशवंत सिन्हा से जीत का मंत्र लिया। जेपी पटेल के यशवंत सिन्हा से मुलाकात का जो राजनीतिक संदेश दोनों जनता को देना चाहते थे वो दे दिया। यशवंत सिन्हा इस चुनाव में पर्दे के पीछे से बड़ा खेल करना चाहते है और बीजेपी की पारंपरिक सीट को उससे छिनना चाहते है। वही उनके बेटे जयंत सिन्हा ने अपने आप को इस राजनीतिक लड़ाई से बाहर कर लिया है, वो भी सामने आकर कोई राजनीतिक संदेश नहीं देना चाहते है, हालांकि आठ मार्च को बीजेपी उम्मीदवार मनीष जायसवाल ने उनसे घर पर आकर मुलाकात की थी और उन्होने भी उनको बधाई और शुभकामनाओं के साथ अपना एक वीडियो संदेश जारी किया था लेकिन इसके बाद से पिछले 20 दिनों से वो मौन है। न तो किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हुए है और न ही सोशल मीडिया पर किसी तरह से अपनी सक्रियता दिखा रहे है, यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को लेकर जारी किसी भी संदेश को वो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से रिपोस्ट कर रहे है, उन्होने राजनीतिक मौन धारण कर लिया है। सिन्हा परिवार के इस चाल और खामोशी ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है। मनीष जायसवाल और जेपी पटेल के बीच होने वाले मुकाबले को लेकर माना जा रहा है कि सिन्हा परिवार ने अपना मौन समर्थन जेपी पटेल को दे दिया है। मनीष जायसवाल और जेपी पटेल चुनाव मैदान में दूसरी बार एक दूसरे के सामने आ रहे है, इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान वो एक दूसरे के सामने हुए थे तब मनीष जायसवाल जेवीएम के उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे और जेपी पटेल ने उन्हे शिकस्त दी थी, इस बार कौन किसपर भारी पड़ेगा इसपर सबकी नजर है।